भगवान और भगत के बीच भक्ति का ही एकमात्र नाता होता है। नौ प्रकार के भक्ति की चर्चा नवधा भक्ति के प्रसंग में वर्णित है। इसमें से कोई भी एक भक्ति पथ को पकड़ कर के मनुष्य अपना जीवन सँवार सकता है। भगवान और सत्कर्मों में जिसकी जितनी श्रद्धा होती ...
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बुद्धि और विवेक के लिए सत्संग आवश्यक है: प्रेमभूषण
• नव दिवसीय श्री रामकथा की पूर्णआहुति, विशाल अटल भोज सम्पन्न लखनऊ। सत्संग की प्राप्ति नहीं होने से ही मनुष्य विचार शून्य होते चले जा रहे हैं। मनुष्य को बुद्धि और विवेक की प्राप्ति के लिए सत्संग बहुत ही आवश्यक है। सत्संग की प्राप्ति नहीं होने के कारण व्यक्ति अच्छे-बुरे ...
Read More »परमार्थ से बड़ा कोई धर्म नहीं: प्रेमभूषण महाराज
मनुष्य के द्वारा किया जाने वाला परमार्थ कार्य उसकी अपनी किसी भी आपातकाल की स्थिति आने पर सहायक होती है। अपने आय का 5 या 10% भाग परमार्थ में आवश्यक लगते चलना चाहिए। परमार्थ को टालने वाले के हाथ में केवल पछतावा ही आता है। 👉एक चलते फिरते तीर्थ थे ...
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