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Tag Archives: बिहार

पीरियड लीव पर महिलाएं नहीं हैं एकमत

बीते दिनों स्पेन की संसद में पीरियड लीव (Period Leave) को अंतिम मंजूरी दी गयी. इसके साथ ही स्पेन पीरियड लीव कानून को लागू करने वाला पहला यूरोपीय देश बन गया. दुनिया के कई देशों में पहले से ही महिला कर्मचारियों को पीरियड्स लीव मिल रही है, लेकिन भारत में ...

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भोजपुरी पेंटिंग को पहचान दिलाती वंदना

बिहार में कला और संस्कृति के नाम मधुबनी पेंटिंग और भाषा के रूप में भोजपुरी विश्व पटल पर अपनी पहचान रखता है. आमतौर पर लोग भोजपुरी को केवल एक भाषा के तौर पर ही जानते हैं, जबकि कला के रूप में भी इसकी एक पहचान रही है. लेकिन वर्तमान समय ...

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गांवों में लड़कियों की उच्च शिक्षा के प्रति उदासीनता

किसी भी देश के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उसके सभी नागरिक समान रूप से शिक्षित और दक्ष हों. चाहे वह शहरी क्षेत्र से हों या ग्रामीण, पुरुष हों या महिला. सभी बिना किसी भेदभाव और बाधा के सभी क्षेत्र में पारंगत हों. इसका अर्थ है कि विकास ...

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माहवारी में स्कूल छूटने का दर्द!

बिहार के सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई, स्वच्छता, शौचालय, हाथ धुलाई केंद्र, रखरखाव आदि के मद में हर साल करोड़ों रुपए खर्च किये जा रहे हैं. प्राइमरी से लेकर उच्चतर विद्यालयों के कैंपस को ‘ग्रीन व क्लीन’ बनाए रखने के लिए विभागीय कवायद भी जारी है. स्कूलों के छात्र-छात्राओं में स्वच्छता ...

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नहीं बदली माहवारी से जुड़ी अवधारणाएं

माहवारी/मासिक धर्म (Menstruation) एक ऐसा विषय है जिस से ग्रामीण इलाकों में अनगिनत अंधविश्वास और पुरानी सोच जुड़ी हुई है. सामाजिक प्रतिबंध के कारण यहां ऐसे विषयों पर बात करना भी पाप माना जाता है. जिस वहज से महिलाएं सही जानकारी के अभाव में बीमारियों का शिकार हो जाती हैं ...

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कौन सुनेगा श्रमिक महिलाओं का दर्द?

भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदंड खेती-किसानी और मजदूरी है. यदि खेती नहीं हो, तो आदमी खाएगा क्या? आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के मुताबिक कृषि में सकल घरेलू उत्पाद की हिस्सेदारी 20.2 फीसदी है. भारत की तकरीबन आधी जनसंख्या रोजगार के लिए खेती बाड़ी पर ही निर्भर है. कृषि द्वितीयक उद्योगों ...

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आत्मनिर्भरता से ही सशक्तिकरण संभव

आजकल महिलाएं वह सब कुछ कर रही हैं जिस पर वर्षों से पुरुषों का एकाधिकार था. लेकिन कई ऐसे छोटे स्तर के काम भी हैं जो आमतौर पर महिलाओं द्वारा किए जाते रहे हैं और ये काम उन्हें पेशेवर और आत्मनिर्भर बनाते हैं. सिलाई और कढ़ाई एक ऐसा क्षेत्र है, ...

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ब्राइड ट्रैफिकिंग : कुछ रिश्ते मीठे भी होते हैं

जानकी देवी और रीता दास रिश्ते में सास–बहु लगती हैं. वो कटिहार के धीमनगर की खेड़िया पंचायत की रहने वाली हैं और अपने गांव के दूसरे परिवारों से इतर, बहुत सुकून में हैं. वजह ये कि उन्होंने अपने घर की बेटियों की शादी बहुत सोच समझ कर की है. जानकी ...

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बिहार की धरोहर : पर्यटन और रोजगार सृजन का साधन

हमारी धरोहर, हमें अपने जड़ों से जोड़ती है और जड़ों का मजबूत होना बेहद जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी विरासत और संस्कृति के बारे में न केवल जाने बल्कि उसकी महत्ता से भी परिचित हो जाए. धरोहरों की महत्ता न केवल भारत में है बल्कि दुनिया भर में ...

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ऑनलाइन बिज़नेस में आत्मनिर्भर बनती महिलाएं

प्रकृति की सबसे खूबसूरत रचनाओं में एक रचना महिलाएं हैं. इस आधी आबादी से ही पूरी दुनिया है. 8 मार्च को विश्व की इसी आधी आबादी का दिन है. महिलाओं को उनके अधिकारों प्रति जागरूक करने व सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष इस दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया ...

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