चतुरी चाचा ने प्रपंच की शुरुआत करते हुए कहा- बैशाख-जेठ महीने में सावन-भादों का मौसम है। पहले ‘ताउते’ और फिर ‘यास’ नामक समुद्री तूफान आया। इस वजह से वैशाख के अंत और जेठ की शुरुआत में आँधी-पानी आया है। लेकिन, घाघ कहते हैं कि ‘जो जेठे चले पुरवाई, तौ सावन ...
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