बाजार के दर्शन की इच्छा उसी को रखनी चाहिए जिसके पास क्रय शक्ति और आवश्यकता में तालमेल बनाए रखने का सामर्थ्य हो वरना बाजार में अर्थशास्त्र का शैतान चमक-दमक के साथ विराजमान है।, जो आपको लूटना चाहता है। बाजार का दर्शन करने और अर्थशास्त्र रूपी मायावीशास्त्र से लड़ने में सक्षम ...
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