पितृसत्तात्मक समाज औरत को स्वतंत्रता और फैसला लेने का अधिकार नहीं देता। यह समाज हमेशा ही महिलाओं को सामाजिक रोक-टोक से जकड़कर रखना चाहता है। हमारे समाज को महिला की प्रगति से डर लगता है। सामाजिक व्यवस्था महिला शोषण से चलती है और महिलाओं का उत्थान शोषण को खत्म करता ...
Read More »Tag Archives: डॉ प्रियंका सौरभ
दिहाड़ीदार मजदूरों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कौन ?
सामाजिक सुरक्षा कोष में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि देश के सबसे गरीब और कमजोर तबके को यह वित्तीय सुरक्षा की भावना प्रदान कर सके। एक मजदूर देश के निर्माण में बहुमूल्य भूमिका निभाता है। किसी भी समाज, देश संस्था और उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की अहमियत ...
Read More »चीन से आगे होंगे तो आगे सोचना भी होगा!
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 19 अप्रैल को 142।86 करोड़ की आबादी के साथ भारत अब चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश हो गया है। चीन अब 142।57 करोड़ की जनसंख्या के साथ दूसरे नंबर है। भारत की आबादी चीन से ...
Read More »राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस : महिलाओं की राजनीति में बाधा बनते सरपंचपति
चुनाव में खड़े होने और जीतने के बाद महिला प्रधानों के परिवार के सदस्यों से प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है; अधिकांश कार्य परिवार के पुरुष सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। देखने में तो महिलाओं ने चुनाव जीत लिया लेकिन परोक्ष रूप से पुरुष सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया ...
Read More »पृथ्वी की रक्षा एक दिवास्वप्न नहीं बल्कि वास्तविकता होनी चाहिए
मनुष्य के रूप में, यह हमारा मूल कर्तव्य है कि हम उस ग्रह की देखभाल करें जिसे हम अपना घर कहते हैं। पृथ्वी हमें वे सभी बुनियादी चीजें उपलब्ध कराती है जो हमारे जीवित रहने के लिए आवश्यक हैं। अखरोट, हम लालची इंसानों ने इसके संसाधनों का इस हद तक ...
Read More »नया अवतार लेता खालिस्तान का विचार
हाल के दिनों में पंजाब में खालिस्तान (Khalistan) अलगाववादी आंदोलन के विचार का प्रचार कर रहे सिख उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी अमृतपाल सिंह भागने में सफल रहा है। हिंसक खालिस्तानी आंदोलन गायब हो गया है; हालाँकि, एक अलग सिख राष्ट्र यानी खालिस्तान का विचार अभी तक गायब नहीं ...
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