• नव दिवसीय श्री रामकथा की पूर्णआहुति, विशाल अटल भोज सम्पन्न लखनऊ। सत्संग की प्राप्ति नहीं होने से ही मनुष्य विचार शून्य होते चले जा रहे हैं। मनुष्य को बुद्धि और विवेक की प्राप्ति के लिए सत्संग बहुत ही आवश्यक है। सत्संग की प्राप्ति नहीं होने के कारण व्यक्ति अच्छे-बुरे ...
Read More »Tag Archives: प्रेमभूषण महाराज
परमार्थ से बड़ा कोई धर्म नहीं: प्रेमभूषण महाराज
मनुष्य के द्वारा किया जाने वाला परमार्थ कार्य उसकी अपनी किसी भी आपातकाल की स्थिति आने पर सहायक होती है। अपने आय का 5 या 10% भाग परमार्थ में आवश्यक लगते चलना चाहिए। परमार्थ को टालने वाले के हाथ में केवल पछतावा ही आता है। 👉एक चलते फिरते तीर्थ थे ...
Read More »