कितना फ़र्क होता है एक ही उम्र के लड़कों के संस्कारों में? कहाँ उन छेड़ने वालों की सोच और कहाँ तरंग की मानसिकता? काश, सारे लड़के लड़कियों को माल, आइटम या उपभोग की वस्तु न समझकर एक ज़िम्मेदारी समझें। जिनको वह छेड़ रहे होते हैं, उस लड़की की जगह अपनी ...
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