राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने स्थापना काल से ही सहज स्वाभाविक समरसता को महत्त्व दिया। संघ के कार्यक्रमों में उसी समय से बिना किसी भेदभाव के सहभोज आयोजित होते रहे हैं। इसकी सराहना महात्मा गांधी ने भी की थी। संघ के कार्यक्रमों में जातिगत भेदभाव को कभी महत्त्व नहीं दिया गया। ...
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