भारतीय दर्शन में मानव कल्याण का संदेश दिया गया। बिना किसी भेदभाव के सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना की गई। उपासना पद्धति के आधार पर विभाजन की रेखा नहीं खिंची गई। इसमें कभी संकुचित विचारों को महत्व नहीं दिया गया। समय-समय पर अनेक संन्यासियों व संतों ने इस संस्कृति के ...
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