भारतीय चिंतन में सत्संग की महिमा बताई गई। इसके माध्यम से सत्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। गोस्वामी जी लिखते है-बिन सत्संग विवेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई। बाराबंकी कर टिकैतनगर में प्रसिद्ध सन्त अतुल कृष्ण महाराज ने सत्संग के मर्म का उल्लेख किया। बताया कि जीवन ...
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