जाने दो ग़म की घटाओं को बरस जाने दो, दर्द को नदी बनकर बह जाने दो। ये माना की दर्द अपना ही है लेकिन, खुद को इस दर्द से मुकर जाने दो। खुशियां तलाशने निकलता है हर कोई, उन गुमनाम गलियों में खुद को खो जाने दो। झील सी आंखों ...
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