शिव हमारे आलोक हैं। शिव हमारे भूमंडल हैं। शिव प्रकृति स्वरूप हमारे स्तंभ हैं। भगवान शंकर हमको जीना और मरना सिखाते हैं। वह हमको बहुदेववाद की परिभाषा से दूर ले जाते हैं और कहते हैं ईश्वर एक है। उसका रंग, रूप और आकार नहीं है। एक ही रुद्र है। दूसरा ...
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Rudrabhishek समेत इन अभिषेक से करें भोले को प्रसन्न
इस बार शिव जी के प्रिय महीने यानि सावन की शुरुआत शनिवार से हुई। सावन आैर शनिवार का ये संयोग अत्यंत अशुभकारी माना जा रहा है क्योंकि शिव, शनिदेव के भी आराध्य है आैर उन्हें शिवांश भी कहा जाता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती का प्रकोप है वे ...
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