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क्षमता विकास कार्यशाला के दूसरे दिन डीडीयू-जीकेवाई के जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को प्रशिक्षित किया गया

•प्रमुख सचिव डॉ हरिओम ने अधिकारियों को क्षमता वृद्धि, गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, उत्पादन-उन्मुख लक्ष्यों पर काम करने और स्व-प्रेरणा से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर ज़ोर दिया

Lucknow, (दया शंकर चौधरी)। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा राजधानी लखनऊ के होटल सेंट्रम में आयोजित क्षमता विकास कार्यशाला के दूसरे दिन, मंगलवार को, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के अंतर्गत नियुक्त जिला कार्यक्रम प्रबंधकों का प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन किया गया।

प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग डॉ हरिओम (Dr Hariom) ने कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके कार्य के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि सभी अधिकारी इस मंच का उपयोग करते हुए अपनी क्षमताओं में वृद्धि करें तथा प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाते हुए प्रदेश के युवाओं को दक्ष बनाकर राज्य के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने हेतु उत्पादन-उन्मुख लक्ष्य (परिणाम आधारित कार्य प्रणाली) के साथ कार्य करना अनिवार्य है। उन्होंने स्व-प्रेरणा (सेल्फ मोटिवेशन) के साथ कार्य करने और कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह ने गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए सभी प्रतिभागियों से सत्र में सक्रिय सहभागिता करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से उपस्थित अधिकारी अपनी समस्याओं के समाधान के साथ-साथ योजना की प्रक्रियाओं को और अधिक स्पष्ट रूप से समझ सकेंगे।

राज्य कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा डीडीयू-जीकेवाई के दिशा-निर्देशों पर आधारित विस्तृत प्रस्तुति दी गई। साथ ही योजना के अंतर्गत युवाओं की पहचान एवं प्रेरण (मोबिलाइज़ेशन) विषय पर भी जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अवसरों हेतु कैसे संगठित किया जाए तथा योजना से लाभान्वित करने हेतु तैयार किया जाए।

केन्द्रीय तकनीकी सहायता एजेंसी की प्रतिनिधि द्वारा डीडीयू-जीकेवाई के आगामी संस्करण, डीडीयू-जीकेवाई 2.0 की प्रमुख विशेषताओं एवं कार्यान्वयन रणनीति पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। तृतीय दिन (23 अप्रैल) को उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की योजनाओं की रूपरेखा, शॉर्ट टर्म स्किलिंग में एनसीवीटी की भूमिका, पोर्टल प्रबंधन, प्रशिक्षण, निरीक्षण एवं मूल्यांकन पर सत्र आयोजित होंगे। इसके बाद इंडस्ट्री प्रैक्टिसेस सत्र में टाटा टेक्नोलॉजीज़ और डसॉल्ट सिस्टम्स जैसी अग्रणी कंपनियों के विशेषज्ञ प्रशिक्षणार्थियों को उद्योग जगत की वर्तमान आवश्यकताओं और सहयोग के अवसरों से अवगत कराएँगे। दिन के अंत में फीडबैक सत्र और समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के जिला समन्वयक, मंडलीय संयुक्त निदेशक और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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