साहित्य का प्रादुर्भाव संवेदनशीलता से होता है। राजनीति का क्षेत्र व विषय अलग होता है। फिर भी देश के अनेक लोगों ने साहित्य और सियासत के बीच बेहतर सामंजस्य किया। वह संवेदनशीलता का मूलभाव लेकर आगे बढ़े। इसका प्रकटीकरण दोनों क्षेत्रों में बखूबी हुआ। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ऐसी ...
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