आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर मुंशीजी व कासिम चचा के संग बड़े प्रफुल्लित बैठे थे। मेरे पहुंचते ही चहक पड़े। चतुरी चाचा बोले- रिपोर्टर, आज मौसम बहुत बढ़िया है। सुबह ही धूप खिल गयी। अब ऐसा ही मौसम रहे। कोहरा और पाला न पड़े। वरना, आलू, मटर, सरसों ...
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