मैं आज चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पहुंचा तो चाचा नदारत थे। ऐसा पहली बार हुआ कि प्रपंच चबूतरे पर सबसे पहले चतुरी चाचा न पहुंचे हों। खैर, मैं अख़बार पढ़ने लगा। तभी चाचा प्रकट हो गए। वह अपने स्थान पर विराजमान हो गए। मेरे बिना कुछ पूछे बताने लगे ...
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