कभी भारत विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित था। उसने यह गौरव ज्ञान के बल पर अर्जित किया था। सम्पूर्ण वसुधा में शांति व सौहार्द के स्वर यहीं से गूंजते थे। सबके सुख की कामना की गई। वैदिक साहित्य के विद्वान विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने गोरखपुर में इन्हीं विचारों ...
Read More »