भाजपा प्रारम्भ से ही छल और षडयंत्र में माहिर पार्टी रही है। झूठ और फरेब उसकी राजनीति के पर्याय हैं। समाजवादी साथियों की सतर्कता से चुनावों को मुद्दों से भटकाने और लोगों को झूठे वादों से बहकाने में जब भाजपा को सफलता नहीं मिली तो वह चुनाव बाद भी कुप्रचार ...
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