भारत अपने ज्ञान विज्ञान के बल पर विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। हमारे यहां शिक्षा का मूल उद्देश्य रोजगार या डिग्री प्राप्त करना नहीं था। बल्कि यह धर्म अर्थ काम के मर्यादा अनुरूप पालन करने का मार्ग प्रशस्त करती थी। इससे नैतिक विचारों का जागरण होता था। ...
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