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समय से पहले जन्मे शिशु का रखें विशेष ख्याल – डॉ. शिव

  • Published by- ShivPratapSinghSengar, Wednesday, 24 Febraury, 2022

कानपुर। कई बार गर्भावस्था में किसी तरह की समस्या आने के कारण शिशु का जन्म समय से पहले ही हो जाता है। समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों (Premature Baby) को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इन बच्चों का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। नहीं तो शिशु को बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। यह कहना है जिला महिला चिकित्सालय में एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) के नोडल अधिकारी और वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ शिव कुमार का।

डॉ. शिव कुमार ने कहा कि गर्भावस्था के 37वें सप्ताह से पहले जन्में बच्चे प्रीमच्योर बेबी (Premature Baby)  की श्रेणी में आते हैं। महिलाओं की कम उम्र, डायबिटीज़ (मधुमेह), ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) और गर्भावस्था में किसी तरह की समस्या के कारण शिशु का जन्म समय से पहले हो जाता है। इससे बचाव के लिए गर्भावस्था के दौरान, सभी प्रसव पूर्व जाँच (मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि) और देखभाल करना बेहद ज़रूरी है।

डॉ. कुमार के अनुसार, इसके साथ ही आयरन की गोली का भी सेवन करना जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच और देखभाल के दौरान, महिलाएँ उचित समय में चिकित्सक की सलाह से एस्ट्रोइड लगवाना चाहिए, जिससे प्रीमैच्योर शिशु को गंभीर समस्या न हो। उन्होने कहा कि समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं को दिमागी और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे शिशुओं को हाईपोथर्मिया, पीलिया, निमोनिया, दिमागी बुखार, सीखने में कठिनाई और सांस संबंधी बीमारियां होने का डर रहता है।

SNCU की भूमिका अहम-

डॉ. कुमार ने बताया कि समय से पहले जन्मे शिशुओं को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। जिन बच्चों का वजन 1800 ग्राम से कम है, 34 सप्ताह के शिशु हैं, हाइपोथर्मिया, जन्म के समय रोया न हो, साँस संबंधी समस्या हो तो चिकित्सक ऐसे शिशुओं को कुछ दिन के लिए SNCU (Sick Newborn Care Unit) रखने की सलाह देते हैं। इसमें चिकित्सक और नर्स की टीम 24 घंटे शिशु की देख-रेख करते हैं। SNCU में शिशु को भर्ती कर उपचार किया जाता है। अगर शिशु की स्थिति सामान्य नहीं है तो अधिक दिनों तक SNCU में रखा जा सकता है। यह सुविधाएँ पूरी तरह से निःशुल्क हैं।

KMC विधि ज़रूर अपनाएँ-

डॉ. शिव ने कहा कि समय से पहले जन्मे शिशुओं के शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए कंगारू मदर केयर (KMC) विधि को जरूर अपनाएँ। त्वचा से त्वचा का संपर्क होने से शिशु को काफी आराम मिलता है। माँ के साथ घर का कोई भी सदस्य इस विधि को कर सकता है। एक दिन में पाँच से छह बार और हर बार कम से कम एक घंटे के लिए KMC विधि की जा सकती है।

टीकाकरण भी बेहद जरूरी-

डॉ. कुमार ने कहा कि चिकित्सक की सलाह के अनुसार शिशु को जन्म के समय लगने वाले सभी टीके अवश्य लगवाएँ। टीकाकरण से शिशु की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण का खतरा भी कम रहता है।

ऐसा रखें शिशु का ख्याल-

• स्तनपान जारी रखना चाहिए।
• तापमान सामान्य रखने के लिए केएमसी विधि जरूर अपनाएं।
• समय से पहले जन्मे शिशु की नींद का ध्यान रखना चाहिए।
• शिशु के शरीर को हमेशा स्वच्छ रखना चाहिए।
• शिशु की नाभि में कुछ नहीं लगाना चाहिये।

डॉ. शिव कुमार ने यह भी कहा कि- 

  • शिशु को सामन्य तापमान वाले कमरे में लिटाना चाहिए।
  • कमरा ज़्यादा हवादार और धुआँदार न हो ताकि, शिशु को आराम मिल सके।
  • शिशु को सामान्य तापमान वाले कमरे में लिटाना चाहिए।
  • चिकित्सक की छोटी से छोटी बातों का विशेष ध्यान रखें।

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