- Published by- @MrAnshulGaurav, Saturday, 26 Febraury, 2022
बिहार। सीतामढ़ी में जिला यक्ष्मा केंद्र, सदर अस्पताल के सभाकक्ष में, पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार की अध्यक्षता में जिले के धर्मगुरुओं के साथ ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ कार्यक्रम की बैठक का आयोजन किया गया। उक्त बैठक में जिले के मठ, मंदिर, मस्जिद, मदरसा आदि के प्रमुख महंत, पुजारी, मौलाना, इमाम ने भाग लिया। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि विश्व यक्ष्मा दिवस 2022 के अवसर पर जिले में 24 फरवरी से 24 मार्च तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
प्रतिवर्ष 27 लाख नए यक्शमा के रोगियों की होती है पहचान – डॉ मनोज
इस अभियान के अंतर्गत, शनिवार को धर्मगुरुओं की बैठक आयोजित करते हुए यक्ष्मा उन्मूलन हेतु संकल्प लिया गया। डॉ मनोज कुमार ने यक्ष्मा रोग की जिले और देश की स्थिति पर चर्चा करते हुए बताया कि जिला में प्रतिवर्ष लगभग 3000 नए यक्ष्मा रोगियों की पहचान की जाती है। उनके अनुसार, देश में लगभग प्रतिवर्ष 27 लाख नए रोगियों की पहचान की जाती है। यक्ष्मा के प्रमुख लक्षणों में 2 सप्ताह से ज्यादा की खांसी, बुखार, वजन कम होना, भूख नहीं लगना, रात में पसीना आना आदि है।
कहाँ होती है जाँच?
डॉ मनोज ने यह भी बताया कि इसकी जाँच जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सदर अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में डीटीसी, पुपरी और बेलसंड में ट्रूनेट मशीन से एमडीआर मरीजों की पहचान की जाती है। साथ ही एक्सरे की सुविधा भी सभी केंद्रों पर उपलब्ध है। डॉ मनोज ने बताया कि यक्ष्मा मरीज़ चिह्नित होने पर 6 से 20 माह तक का उपचार किया जाता। उक्त अवधि में प्रतिमाह मरीजों को निक्षय पोषण योजना अंतर्गत ₹500 की राशि प्रोत्साहन के रूप में डीबीटी के ज़रिए, सीधे उनके बैंक खाता में दी जाती है।
धर्मगुरुओं से किया जानकारी को जन-जन तक पहुँचाने का अनुरोध
धर्मगुरुओं से अपने समाज में यक्ष्मा रोग की जानकारी देते हुए, लक्षण वाले रोगियों को नजदीकी अस्पताल में भेजने और राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने का अनुरोध किया गया। जिसका सभी धर्मगुरुओं ने सहमति देते हुए टीबी हारेगा देश जीतेगा का संकल्प लिया।
उक्त बैठक में डीपीसी रंजय कुमार, डीआईओ रंजन शरण ,एलटी समीम आजाद, लिपिक रवि राज, धर्मगुरु महंत महेश मिश्र, रामलीला दास, लखेश्वर दास, मो जमशेद आलम, बी के वंदना, अंजार अहमद, मो मुमताज़ नेजमी, मो उमर, मो सज्जाद इलाही सहित अन्य धर्मगुरु और यक्ष्माकर्मी उपस्थित थे।