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कोरोना काल में नवीनतम तकनीकों का उपयोग CMS के लिए वरदान साबित हुआ

लखनऊ। मार्च के महीेने में लाॅकडाउन के दौरान जब देश के शहर दर शहर सन्नाटे में डूबे गये थे एवं देश भर में अप्रत्याशित दुख का परिदृश्य था। लेकिन फिर भी, ऐसे समय में सटी मोन्टेसरी स्कूल के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी रोशन गाँधी को ऑनलाइन शिक्षा की संभावनाओं को परखने का अभूतपूर्व अवसर मिला, जिसके लिए वे विगत 8 वर्षों से तैयारी कर रहे थे।

सीएमएस में ऑनलइन शिक्षा प्रदान करने की शुरूआत मुख्यतः रोशन गाँधी की दूरदर्शिता के कारण संभव हो सकी तथापि वर्ष 2011-12 के आरम्भिक दौर में सीएमएस प्रेसीडेन्ट डा. गीता गाँधी किंगडन ने भी ऑनलाइन लर्निंग के क्षमताओं एवं लाभ का आभास किया। लगभग 8 वर्ष साल पहले, सीएमएस में ई-लर्निंग विभाग की स्थापना हुई, जो कि सीधे सीएमएस के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी, रोशन गाँधी के मार्गदर्शन में कार्य करता है। इस विभाग ने अपनी स्थापना के साथ ही विद्यालय के शिक्षकों के लिए गहन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू कर दिया। ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने का एक और मुख्य कारण यह था कि लगभग प्रत्येक वर्ष सर्दियों अथवा गर्मियों के दौरान अक्सर खराब मौसम के कारण जिलाधिकारी द्वारा स्कूल बंदी घोषित कर देने पर छात्रों की शिक्षा पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ता था और उनका बहुमूल्य समय नष्ट हो जाता था।

इस तरह की अड़चनों को दूर करने के लिए प्रत्येक कक्षा के लिए गूगल क्लासरूम की स्थापना की गई एवं कक्षा-6 से ऊपर के सभी बच्चों का जीमेल एकाउन्ट बनाया गया। इस प्रकार, कोविड-19 महामारी के संकट से पहले ही सीएमएस छात्रों के पास अपना जीमेल एकाउन्ट था, जिससे उनकी ऑनलाइन पढ़ाई सुचारू रूप से अनवरत जारी रही। इस वर्ष 8 मार्च के आसपास, सीएमएस के ई-लर्निंग विभाग ने सभी कैम्पस के आई.टी. असिस्टेन्ट एवं शिक्षकों को पुनः प्रशिक्षण प्रारम्भ कर दिया। कक्षा 3, 4 और 5 में छात्रों के ईमेल कर्मचारियों और शिक्षकों ने बनाये, जिसके लिए शिक्षकों ने ओवरटाइम भी किया, जबकि सीनियर कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के ईमेल पहले से ही उनके पास थे।

सीएमएस के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी रोशन गाँधी ने बताया कि हम दो प्राथमिक उद्देश्यों के साथ काम कर रहे हैं, जिनमें पहला है कि ‘नो टीचर लेफ्ट बिहाइन्ड’ एवं दूसरा है ‘नो चाइल्ड लेफ्ट बिहाइन्ड’। उन्होंने आगे बताया कि इन ऑनलाइन कक्षाओं में प्रत्येक छात्र की प्रगति का आकलन किया जा रहा है, साथ ही सभी 18 कैम्पस की प्रधानाचार्याएं ऑनलाइन मीटिंग कर छात्रों की मनोबल को बनाये रखने पर चर्चा-परिचर्चा करती रहती हैं। कोविद-19 संकट के दौरान देश भर के लगभग सभी स्कूल अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं परन्तु ज्यादातर मामलों में आनलाइन शिक्षण खराब कनेक्टिविटी, उपयुक्त उपकरण, शिक्षकों की पूर्व तैयारी न होने, शिक्षकों को तकनीकी का ज्ञान न होने एवं अभिभावकों द्वारा बच्चों को सहयोग न कर पाने की बदौलत प्रभावशाली नहीं रहा है। मात्र कुछेक शैक्षिक संस्थान ही, जिनका शिक्षण शुल्क बहुत अधिक है, वही कमोवेश ठीक-ठाक ढंग से ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में, अपेक्षाकृत कम शुल्क लेने वाले सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने बेहतर तैयारी के दम पर प्रभावशाली ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहा है। हालांकि कोविड-19 का संकटकाल कब तक चलेगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, परन्तु इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा पद्धति स्वयं ही अपने महत्व को उजागर कर रही है।

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