बारां/राजस्थान। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य केंद्रों पर टेली मेडीसिन सहित अत्याधुनिक उपकरणों से जांच सुविधा आसानी से सुलभ हो सकेगी। इससे गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग एंव टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों से उचित परामर्श भी दिलाया जा सकेगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाया जा सकेगा। शनिवार को यह जानकारी राजस्थान सरकार एंव लॉर्ड्स एजुकेशन एंड हेल्थ सोसाइटी (एलईएचएस-विश) वाधवानी इनिशिएटिव फॉर सस्टेनेबल हेल्थकेयर (डब्ल्यूआईएसएच),के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में सामने आई।
‘‘सभी के लिए बेहतर चिकित्सा सेवा’’ पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विश फाउंडेशन के स्टेट डायरेक्टर बिस्वा रंजन पटनायक ने कहा कि मुझे गर्व है कि राजस्थान के ग्रामीण लोगों की जांच अत्याधुनिक उपकरणों से की जा रही है। जिससे की गा्रमीण क्षेत्र के अंतिम छोर पर बैठे लोगों को चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिल सकें। राजस्थान में 25 स्वास्थ्य केंद्रों के प्रसूति गृह, जिसमें बारां जिले के 14 स्वास्थ्य केंद्रो के प्रसूति गृह को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। इससे स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षित प्रसव की सुविधा उनके गावं के नजदीक ही मिल सके।
इसके साथ ही विश फाउंडेशन द्वारा 36 स्वास्थ्य केंद्रों पर टेली चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जा रही है। जिनमें बारां के 13 स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा ग्रामीणों को उपलब्ध कराई जा रही है। पटनायक ने कहा कि विश फाउंडेशन राजस्थान में राज्य सरकार के “रन ए पीएससी प्रोग्राम” के तहत 15 ग्रामीण व 6 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को संचालित कर रहे है। इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से निःशुल्क चिकित्सा जांच की सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
प्रदेश के 36 चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से टेलीचिकित्सा के द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ रोगी के घर के नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। विश यंहा पर 2015 से चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। बांरा एक आशांवित जिला होने के कारण यंहा पर चिकित्सा के क्षेत्र में नवीन चिकित्सा उपकरण का सहयेाग खासकर दूर दराज के क्षेत्रों के उपलब्ध करवा रहा है।
विश के एसोसिएट डायरेक्टर दिनेश सोनगरा ने बताया कि राजस्थान के 14 जिलों में रन ए पीएससी मॉडल पर आधारित 21 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उनके उप केंद्रों पर अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए जांच की जाती है। उच्च क्वालिटी की स्वास्थ्य सेवाओं से ग्रामीणों के इस पर खर्च में भी कटौति आती है।
उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा मिले इसके लिए हमेशा नवीनतम तकनीक के उपकरणों को उपलब्ध कराया जाता है, ताकि ग्राम स्तर पर ही अधिकतर बीमारियों का निदान कराया जा सके। इसके लिए डोजी, आयु सिंक, आईना सहित कई तरह के अत्याधुनिक उपकरण प्रयोग में लाए जा रहे है।
जिसमें डॉजी (कार्डियक एंड रेस्पिरेटरी हेल्थ मॉनीटर) एक तरह का संपर्क रहित स्वास्थ्य मॉनिटर है जिसका उपयेाग स्वास्थ्य संबधी समस्याओं की स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है, इसके द्वारा ब्लड आक्सीजन सेचुरेशन को मापा जा सकेगा। इसमें सांस लेने की गति, हृद्वय की गति, हृद्वय गति परिवर्तनशीलता, मायोकार्डियल परफार्मेंस मेट्रिक्स को भी इससे मानिटर किया जा सकेगा।
आईना-ब्लड मानिटरिंग के लिए खास यंत्र: आईना एक पोर्टेबल ब्लड मानिटरिंग सिस्टम है, जोकि मिनटों में रक्त परीक्षण का काम करता है। इससे टेबलेट व स्मार्टफोन द्वारा एक साथ एक बार में ही चार तरह के स्क्रीनिंग टैस्ट कर सकते है। जिससे ब्लड शूगर, हीमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल, एचबीए 1 सी की जांच की जा सकेगी।
आयु सिंक-डिजिटल स्टैवोस्कोप मशीन: विश के कार्यक्रम अधिकारी अमोल राय ने कहा कि टेली चिकित्सा परामर्श से ग्राम स्तर पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशिष्ट चिकित्सा सेवाओं को प्रदान कराया जाता है। जिससे उनका समय व धन की भी बचत होती है।
सभी चिकित्सा सेवाएं लॉर्ड्स एजुकेशन एंड हेल्थ सोसाइटी (एलईएचएस-विश) वाधवानी इनिशिएटिव फॉर सस्टेनेबल हेल्थकेयर (डब्ल्यूआईएसएच), आदित्या बिरला फाउंडेशन, आरआईएसटी, यूएसएआईडी के साथ राजस्थान सरकार के सहयोग से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रदान की जाती है। इस दौरान विश के बारां जिले के कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अनिल जैन ने भी वर्तमान में चल रहे कार्य के बारे में जानकारी दी।