Breaking News

आग से जलती रहीं जैन साध्वी, पर नहीं छोड़ी साधना-30 घंटे बाद छोड़ा शरीर

मध्यप्रदेश के छतरपुर स्थित नैनागिर जैन तीर्थ में साधना के दौरान एक जैन साध्वी आग से जलती रहीं। इसके बावजूद उन्होंने अपनी साधना नहीं छोड़ी। देखते ही देखते उनका शरीर 90 फीसदी तक जल गया और जिस चटाई पर वह बैठी थीं, उससे चिपक गया। इस हालत में भी जैन साध्वी साधना खत्म होने तक बैठी रहीं। हैरानी की बात तो यह कि इस दौरान उन्होंने ना तो किसी तरह की आवाज की और ना ही चीखीं। इसके चलते किसी को भनक तक नहीं लगी कि साध्वी जी आग से जल रही हैं।

जानकारी के मुताबिक, एक घंटे बाद जब अन्य श्रावक कमरे में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि साध्वी का शरीर आग में बुरी तरह झुलस चुका है। चटाई अलग करने के चलते उनकी चमड़ी उसके साथ ही अलग हो गई। इसके बाद उनको नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। यहां भी असहनीय जलन और दर्द के बावजूद साध्वी 30 घंटों तक ज‍िंदा रहीं और आखिरकार मंत्रों के जाप के साथ अपनी देह त्याग दी।बाद में पता चला कि जैन साध्वी सुनयमती माता जी जब साधना में लीन थीं, तब ठंड को देखते हुए एक श्राविका सिगड़ी में अंगारे रखकर चली गई ताकि साधना पूरी होने के बाद उनकी सेवा कर सके।

कुछ ही देर बाद हवा के जलते अंगारे चटाई पर गिरे और फिर जिस चटाई पर बैठकर सुनयमती माता जी साधना कर रही थीं उसने आग पकड़ ली। उस आग में वह 90 फीसदी झुलस गईं। साध्वी ने अस्पताल में समाधि की इच्छा जताई और करीब 30 घंटे बाद समाधि ली। उनका डाेला रविवार सुबह भाग्योदय के सामने की जमीन पर ले जाया गया। यहां मुक्तिधाम में विनयांजलि सभा में लाेगाें ने आर्यिका सुनयमति माताजी के जीवन पर आधारित कई दृष्टांत सुनाए। सोशल मीडिया के माध्यम से ये खबर जब लोगों को मिली तो लोग बड़ी संख्या में उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो उन्हें विदाई दी।

39 साल पहले लिया था ब्रह्मचर्य व्रत

मुनिसेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आर्यिका सुनयमति माताजी ने 16 अगस्त 1980 को आचार्यश्री विद्यासागर महाराज से मुक्तागिरी में ब्रह्मचर्य व्रत लिया था। 6 जून 1997 को उन्हें आर्यिका दीक्षा रेवा तट नेमावर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने दी थी।। स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होने से वे व्हील चेयर पर चलने लगी थीं।

About Aditya Jaiswal

Check Also

26 नवम्बर को रवाना होगी श्रीराम बारात, जनकपुर जायेंगे 500 बाराती

अयोध्या। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्रीराम बारात में देश भर ...