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“वोटरशिप ऑफ द इयर 2020” की हार्दिक बधाइयां!

कल के साथ चले, वोटरशिप की ही अब आपस में चर्चा करें। वैसे, हीरा तो हम पहले से ही थे, लेकिन हमें हीरे की पहचान नहीं थी। देश की सारी प्राकृतिक संसाधन का असली मालिक देश का प्रत्येक वोटर है। यदि देश की समस्त प्राकृतिक सम्पदा में प्रत्येक वोटर की धनराशि का हिस्सा निकाला जाये तो उसके हिसाब से देश का प्रत्येक वोटर करोड़पति है इसलिए वोटर की तरक्की को अब चाहिए नया आर्थिक आजादी का नजरिया। देश का वोटर नये वर्ष 2020 में बड़ी उम्मीद तथा विश्वास से प्रवेश कर रहा है। वोटरों ने विरासत में मिली चुनौतियों का स्थायी समाधान वोटरशिप अधिकार कानून के शीघ्र गठन के रूप में सामने आयेगा।

इस विकसित तकनीकी युग में जब सारा काम मशीनें, कम्प्यूटर तथा रोबोट कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में इंसान का काम मशीनें कर रही हैं। कई इंसान के काम को एक आधुनिक मशीन अकेले कर दे रही हैं। मशीनों से पैदा हो रहा धन मशीन मालिक के पास जा रहा है। इस कारण से इंसान को बेरोजगारी से उत्पन्न आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। मशीनों से पैदा हो रहे धन को कानून बनाकर मशीन मालिक से टेक्स लगाकर क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जाना चाहिए और उस धन को पीड़ितों में बांटना चाहिए।

सबसे बड़ा धर्म प्रत्येेक वोटर को आर्थिक आजादी दिलाना है। वोटरशिप लागू होने से प्रत्येक परिवार में आर्थिक समृद्धि आने का मार्ग स्वतः ही हो जायेगा। अभी आर्थिक आजादी का महाप्रश्न वोटरशिप अधिकार कानून बनाकर सुलझाना बाकी है, उस दिशा की ओर पूरे सामर्थय के साथ आगे बढ़ा जा रहा है। हम राजनीति सुधारकों की ट्रेनिंग के द्वारा चुनौतियों को चुनौती देने में लगे हैं। राजनीति सुधरे तो जगत सुधरे। हमने देश सहित पूरे विश्व को विरासत में मिली वैश्विक समस्याओं का तत्काल समाधान “वोटरशिप अधिकार कानून” के गठन के रूप में प्रस्तुत किया है। गरीबी दूर करने का सबसे बड़ा कारण गलत कानून भी हैं। वोटरशिप अधिकार कानून बनाकर हम देश के सभी गरीबों को 100 प्रतिशत स्थायी तथा बेहतर सामाजिक सुरक्षा दिलाने के लिए रात-दिन बहुत तेजी से कार्य कर रहे हैं। इस पुनीत अभियान में आप भी अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आये।

बड़े ही अफसोस की बात है कि उत्तर प्रदेश के भविष्य निधि घोटाला, जमीन खरीद घोटाला आदि के पीछे कई उच्च अधिकारियों की गिरफ्तारियां हुई हैं। सोचे! हम शिक्षा के द्वारा कैसे जीवन मूल्य अपने बच्चों को दे रहे हैं? जो उच्च शिक्षा प्राप्त करके ऊंचे पदों बैठकर जनता के धन को हड़प लेना चाहते हैं? देश के प्रत्येक वोटर का अब जागना तथा दूसरों का जगाना होगा। हमने अपने पूरे जीवन का निचोड़ को राजनीति सुधारक की ट्रेनिंग में समायोजित किया है। इस ट्रेनिंग के देश प्रत्येक वोटर के अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि वोटर की सम्पूर्ण क्षमताओं का पूरा विकास हो। वोटर ही देश का असली मालिक तथा लोकतंत्र शासन पद्धति का निर्माता है। उसे ही तय करना है कि सरकारी तथा जनता के धन की कैसे सुरक्षा हो? क्योंकि प्रशासनिक उच्च पदों पर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों से जनता के धन को बचाकर सही लोक कल्याणकारी योजनाओं में लगाना एक बड़ी चुनौती है।

विश्व परिवर्तन मिशन प्रत्येक वोटर को लोकतंत्र की पुनर्खोज, जीवन मूल्यों और आदर्शों का पाठ नरन्तर पढ़ाता रहेगा। हमें वोटरोें के सहयोग से आर्थिक आजादी की नई इबादत लिखना है। महापुरूषों की मंशा के अनुरूप हमारा सारा फोकस समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को वोटरशिप अधिकार कानून बनाकर आर्थिक आजादी से जोड़ना है। विश्व परिवर्तन मिशन तथा वीपीआई का कार्य वोटरशिप अभियान को जन-जन के बीच ले जाने की दिशा में सराहनीय ही नहीं, वरन् अनुकरणीय है। प्रधान सेवक का कथन है कि सरकारें काम अटकाने के बजाय सुलझाने का माध्यम बने। हमें आशा है कि वर्तमान सरकारें अपनी करनी तथा कथनी में फर्क नहीं करेगी। देश के प्रत्येक वोटर से जुड़ा वोटरशिप अधिकार कानून का मामला संसद में चर्चा होने से अटका हुआ है।

वोटरशिप विचार के जन्मदाता विश्व परिवर्तन मिशन का परम दायित्व है कि वह केवल वर्तमान पीढ़ी के लिये ही नहीं, बल्कि आगे जन्म लेने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित तथा उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर काम करें। इस दिशा में हम अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन कर रहे हैं। हमारा मिशन प्रत्येक वोटर को सुशासन तथा लोकसेवा की ट्रेनिंग देता है। इसकी प्रशंसा देश में ही नहीं विदेशों में भी हो रही है। वोटरशिप अभियान से जुड़कर सम्पूर्ण अभिव्यक्ति का अवसर मिलने से साधारण वोटर भी असाधारण बन सकता है। पूरी दुनियां उसकी खूबियों की कायल बन जाती है। वोटरशिप और विश्व संसद की बात करने वाला राजनेता ही अब देश का तथा सारे विश्व का भावी प्रधानमंत्री बनेगा। अन्त में एक शेर के द्वारा हम आपसे विदा चाहेगे- “कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे में ढल गये, कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे बदल गये”

लेखक- प्रदीप जी

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