चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए थे।उस समय महाबलीपुरम प्रवास के दौरान जिनपिंग की कार होंग्की एल-5 काफी चर्चा में आई थी। लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि चीन की यह लिमोजिन असल में टोयोटा की सेंचुरी लिमो की हूबहू नकल है। ऐसा नहीं है कि चीन ने अकेले इसी कार की कॉपी की हो। दुनिया की तमाम शानदार लग्जरी कारों को चीन ने अपने देश में अलग नाम के साथ बनाया है। यहां तक कि चीन की निगाह से सबसे महंगी कारें बनाने वाली रॉल्स रॉयस भी नहीं बच सकी है। आइए देखते हैं अब तक चीन किन कारों की बना चुका है कार्बन कॉपी…
ध्यान देने वाली बात ये है कीइलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिये मशहूर टेस्ला मोटर्स की विश्व प्रसिद्ध कार टेस्ला मॉडल एस का भी चीनी वर्जन तैयार है। चीनी कंपनी यूक्सिया ने रेंजर एक्स नाम से सेडान इलेक्ट्रिक कार लॉन्च की है। जो दिखने में मॉडल एस जैसी है। रेंजर में लगी बैटरी 352 बीएचपी का पावर देती है, वहीं यह 5.6 सेकंड में 100 कि्मी की रफ्तार पकड़ सकती है। रेंजर एक्स में वही टेक्नोलॉजी इसेतमाल की गई है, जो BMWi3 और टेस्ला मॉडल एस में दी गई है। एंटी लेवल टेस्ला एस में 352 बीएचपी की पावर देने वाली इलेक्ट्रिक मोटर लगी है, यह 5.2 सेकंड में 95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी टॉप स्पीड 225 किमी प्रति घंटा है। वहीं रेंजर एक्स की कीमत 20,497 पाउंड है, जबकि टेस्ला एक्स की कीमत 45,800 पाउंड है।
इसके अलावा चीन की एककार BYD S8, जो चीन की पहली हार्डटॉप कनवर्टिबल कार थी। इस कार का अगला हिस्सा जहां मर्सिडीज बेंज CLK से मिलता जुलता था, तो पिछला हिस्सा रेनो मेगाने सीसी की कॉपी था। कंपनी ने इस कार की कीमत 22 हजार डॉलर रखी थी। बाद में कंपनी ने इसका नाम F8 रख दिया।2009 में चीन की जीली जीई (बाद में नाम एमग्रांड जीई) ने एलान किया था कि क्लासिक कार को फिर से पुनर्जीवितकरने की तैयारी कर रही है। लेकिन जब यह कार लोगों के सामने आई थी, तो वह दिखने में रॉल्स रॉयस फैंटम से काफी मिलती-जुलती थी। कंपनी ने इस कार को शंघाई मोटर शो में पेश किया था। कंपनी ने इस कार की कीमत 44,000 हजार डॉलर रखी। हालांकि नई फैंटम की कीमत उस दौरान साढ़े तीन लाख डॉलर थी।