यूपी में किसानों को बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां (पैक्स) इस साल किसानों को 500 करोड़ रुपये फसली ऋण के रूप में देंगी। महज तीन फीसदी की न्यूनतम ब्याज दर पर यूपी सरकार ने 2023-24 के लिए यह लक्ष्य तय किया है।
लक्ष्य बढ़ाया बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना के तहत 300 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, जिसके मुकाबले 261 करोड़ 27 लाख रुपये ऋण वितरित किया जा सका था। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी इस योजना के तहत 300 करोड़ रुपये का प्राविधान ही किया गया है। प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए इस योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण में 200 करोड़ रुपये की वृद्धि करते हुए सीधे 500 करोड़ रुपये किसानों को फसली ऋण वितरण का लक्ष्य सहकारिता विभाग को दिया है।
किसानों के बीच काम करने वाले पैक्सों के कंप्यूटरीकरण पर भी सरकार ने ध्यान दिया है। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। 2023-24 में इस काम के लिए 30 करोड़ रुपये केंद्रांश के साथ ही 20 करोड़ रुपये राज्यांश दिया जाना तय किया गया है। पैक्सों के कंप्यूटरीकरण से किसानों को दी जाने वाली सेवाओं को और बेहतर किया जा सकेगा।
इस ऋण को देने के लिए ब्याज दरों में छूट के अंतर को शासन स्तर से अनुदान के रूप में समितियों को दिया जाएगा। न्यूनतम ब्याज दर पर किसानों को फसली ऋण दिए जाने के लिए बड़ी धनराशि आवंटित करने का उद्देश्य प्रदेश में किसानों को खेती में सुविधा तथा कृषि उत्पादन में वृद्धि किया जाना है। ऋण का नियमित भुगतान करने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा, अन्य को यह ऋण सात फीसदी की दर से मिलेगा।