• पंचायत कार्यालय का नाम प्रधान के घर से ही हो रहा काम
• अक्सर पंचायत कार्यालय रहता है बंद ,प्रधान के घर में ही रखा है कंप्यूटर
• प्रमुख सचिव का आदेश भी नही मानते यहां के मुलाजिम
रायबरेली। कुर्सी नदारद, न कंप्यूटर, न कोई अन्य व्यवस्था, हालत बदतर, प्रधान के कक्ष में बन्द ताला, ये हालत बताने में काफी हैं की यहां किस प्रकार से काम होता होगा। यह हाल है दीनशाह गौरा विकास खंड की ग्राम पंचायत थुलरई का। यहां का नजारा यह बताने के लिए काफी है की शायद ही यह कार्यालय कभी खुलता हो यहां से काम होना तो बड़ी दूर की बात है। यहां के हालात यह हैं की इन अव्यवस्थाओं के चलते अब ग्रामीणों ने यहां आना बंद कर दिया है। कभी कभार कोई आ भी जाता है तो उसे वापस लौटना पड़ता है या तो प्रधान के घर जा कर संपर्क करना पड़ता है तब जाकर उसका शायद काम हो जाए। सोमवार को दीनशाह गौरा में पंचायत कार्यालय बंद था इस बाबत जब ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया की कभी कभार यह खुल जाता है।पास के ही एक ग्रामीण के पास इसकी चाभी रहती है कोई जांच आती है तो वह खोल कर बाकी लोगों को सूचना दे देते हैं।
प्रधान के घर में रखा है कंप्यूटर
इस संबंध में पंचायत सहायक नीतू साहू ने बताया वह प्रतिदिन कार्यालय आती हैं लेकिन अभी हाल में ही लिया गया कंप्यूटर प्रधान के घर में ही अभी रखा है इसलिए उस पर कोई कार्य नहीं हो रहा। अभी वह सर्वे का कार्य कर रही हैं। उनका छः माह का मानदेय भी प्रधान ने रोक रखा है।वह अपना कार्य कर रही है। इस संबंध में प्रधान रामशंकर ने बताया की वह किसी काम से जनपद जा रहे हैं ।कंप्यूटर तो वहीं होना चाहिए। जब पूछा गया यहां तो नही है तो फोन काट दिया गया। सचिव रामबरन ने इस संबंध में अभी कुछ नही कहने से इंकार किया है।
क्या बोले खंड विकास अधिकारी
इस संबंध में दीनशाह गौरा के खंड विकास अधिकारी हरिश्चंद्र गुप्ता ने बताया की ग्राम पंचायत कार्यालय में कंप्यूटर न लगवाने के संबंध में प्रधान रामशंकर व सचिव रामबरन को नोटिस जारी किया जा चुका है। यदि वह नही लगवा रहे तो कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की मंशा पर जिम्मेदार फेर रहे पानी
प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में था की गरीब को ग्राम पंचायत में सारी सुविधाएं मिले। उन्हें ब्लाक का चक्कर न लगाना पड़े लेकिन शासन की यह मंशा यहां फेल होती दिख रही है। एक छत के नीचे गरीबो को सारी सुविधाओ को देने का सपना सपना ही नजर आ रहा है। ब्लाक के जिम्मेदार इससे अंजान बने हुए हैं। पंचायत सचिव हो या खंड विकास अधिकारी वह नोटिस- नोटिस खेल रहे हैं।
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शासनादेश को बीते छः माह फिर भी नही लगाया कंप्यूटर
प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने बीती मई में वीसी के जरिए निर्देशित किया था की सभी पंचायतों में कंप्यूटर पर ही काम हो जून से सभी पंचायतों को इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया गया था। उसके बावजूद इस तरह की लापरवाही जिम्मेदारों पर सवाल खड़ा करती है।
तो क्या शासन को झूठी ही भेज दी रिपोर्ट
अभी हाल ही में शासन ने सभी खंड विकास अधिकारियों से ग्रामपंचायत कार्यालय में कंप्यूटर लग कर भुगतान होने की रिपोर्ट मांगी थी। तब जिले के सभी खंडविकास अधिकारियों ने सौ प्रतिशत #ग्रामपंचायत में कंप्यूटर पर वर्क होने व पेमेंट होने की रिपोर्ट भेज दी थी। अब इस पंचायत ने खंड विकास अधिकारियों की कार्यशैली पर भी प्रश्न वाचक चिन्ह लगा दिया है।
ग्राम पंचायत सचिवालय के कंप्यूटर से ही होंने थे भुगतान
ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों भुगतान अब आनलाइन ही होना था। पंचायत सचिवालय के कंप्यूटर से ही भुगतान करने होंगे। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने वीसी के जरिए मई माह में ही यह दिशा-निर्देश दिए थे। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए किए जाने वाले भुगतान पंचायत सचिवालय में लगे कंप्यूटर से ही करने के आदेश शासन ने जारी कर दिया है। कहीं अन्य स्थान से भुगतान किया जाता है तो पंचायत सचिवों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ग्राम पंचायतों में आनलाइन कार्ययोजना से लेकर आनलाइन भुगतान की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। आनलाइन भुगतान के लिए ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव का डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर) लगाना अनिवार्य है।
क्या बोली मुख्य विकास अधिकारी
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव ने बताया की इस तरह की जानकारी नही मिली है ऐसा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
गड़बड़ी रोकने के लिए थी यह कवायद
नई व्यवस्था के तहत पंचायत सचिवालयों में लगे कंप्यूटर से ही ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव भुगतान कर सकें। इसमें गड़बड़ी न की जा सके, इसके लिए सभी ग्राम पंचायत सचिवालयों के अक्षांश और देशांतर के साथ ही कंप्यूटर का आइपी एड्रेस भी पंचायती राज विभाग द्वारा प्राप्त किया गया था। अगर किसी अन्य स्थान या अन्य कंप्यूटर से भुगतान किया जाता है तो पहले तो निदेशालय को इस संबंध में सूचना मिल जाएगी। इसके बाद संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव पर कार्रवाई की जाएगी। शासन का आदेश आने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी ने सभी सचिवों को आदेश जारी कर दिया था।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा