लखनऊ। राष्ट्ररक्षा में सभी का अपना कर्तव्य निभाएं। सैनिकों के शौर्य और पराक्रम से ही देश सुरक्षित है। सशक्त समृद्ध आत्मनिर्भर भारत के लिए सोंच बदलानी होगी। समस्याऐं रचनात्मक कार्यो से सुलझति हैं। समाज-राष्ट्र का कार्य करने के लिए प्रबल इच्छा शक्ति की जरूरत होती हैं। इच्छा शक्ति शहीदों के पुण्य स्मरण से ही आता है।
उक्त बातें शहीद मेजर अंशु सक्सेना के बलिदान दिवस पर कर्तव्या फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘शहीद स्मृति सभा’ मूरलीनगर में मुख्य वक्ता कमल ज्योति पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक राजकुमार ने कहीं। उन्होनें आगे कहा कि हम सभी आत्मनिर्भर भारत अभियान में अपनी भूमिका का निर्वहन विदेशी सामानों का बहिष्कार और स्वदेशी, लोकल फ़ॉर वोकल को अपनाकर करें। देश की सुरक्षा संरक्षा का कर्तव्य निर्वहन ही अंशु सक्सेना को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
विशिष्ट अतिथि भाजपा के वरिष्ठ नेता विंध्यावासनी कुमार ने कहा कि युवा ही राष्ट्र की रीढ़ है। युवाओं में राष्ट्रभक्ति जागृति कर ही राष्ट्र को ऊर्जावान बनाया जा सकता है। देश के खतिर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों का सम्मान और अनके सपनों को साकार करना हम सभी का कर्तव्य हैं। हम सभी समाज राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर अपनी समस्त प्रतिभा छमता देश के सर्वांगीण विकास में लगाए।
फाउण्डेशन के अध्य्क्ष एवं प्रसिद्ध समाज सेवी सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने स्मृति सभा की अघ्यक्षता कर युवा पीढ़ी को देश की आशाओं का केन्द्र-बिन्दु बताते हुए अनमें देश प्रेम की भावना भरने तथा मानवता व नैतिक मुल्यों से शिक्षित करने पर जोर दिया और कहा कि हमें शहीद मंजर अन्शु सक्सेना से प्रेरणा लेकर अपने कार्य क्षेत्र में प्रमाणिकता से कार्य करते हुए समाज के लिए जीना चाहिए। शहीद मेजर अंशू सक्सेना ने अपना जीवन देश की सुरक्षा में समर्पित किया हम सभी देश को सशक्त-समृद्ध बनाने में अपना जीवन लगाएं।
समाजसेवी बृजनंदन ‘राजू’ ने श्रधांजली अर्पित करते हुए कहा कि मेजर अंशु सक्सेना का बलिदान युगों तक प्रेरणा पुंज बनकर समाज को प्रकाशित करता रहेगा। शहीद स्मृति सभा में ने शहीद मेजर अंशू सक्सेना के पड़ोसी चेतन मेहरोत्रा ने जीवन वृत्त का वर्णन करते हुए कहा कि अंशु सक्सेना ने अपनी माता जी के इक्षानुसार भारतीय सेना में भर्ती होने का निश्चय किया था क्योंकि एमए अर्थशास्त्र करने के बाद आप आईबी और सीडीएस दोनों परीक्षाओं में चयनित हुए थे। कारगील युध में टाइगर हिल को जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। मात्र 36 वर्ष की आयु में कुपवाड़ा में उग्रवादियों से हुए शंघर्ष में आप ने वीरगती पाई थी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाज कृष्ण मोहन, अभिष ठाकुर, मनोज कुमार, अमर सिंह सहित स्थनीय लोगों ने मास्क लगाकर एवं शरीरिक दुरी बनाकार दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित की।