मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि आज देश को एक रचनात्मक सोच और अनुशासित युवा पीढ़ी की आवश्यकता है, जो सेवा से जुड़े और पूरे देश को एकसूत्र में पिरोए। कमलनाथ आज अपने निवास पर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में आयोजित परेड में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रतिभागी एनसीसी छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए हम देश के एक बेहतर भविष्य निर्माण के लिए युवा शक्ति की ऊर्जा का उपयोग सही दिशा और ²ष्टि के साथ कर सकते हैं। एनसीसी का लक्ष्य था कि हमारी युवा पीढ़ी सेवा से जुड़े ही साथ ही उसमें राष्ट्रभक्ति की भावना भी मजबूत हो।
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ ही हमारा जनजीवन अनुशासित हो यह शिक्षा हमें अपने स्कूली जीवन में एनसीसी के माध्यम से मिलती है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता इस बात की है कि हमारी युवा पीढ़ी देश की उस विशेषता को पहचाने जिसके कारण पूरी दुनिया में हम महान है। हमारी विभन्न जातियां, धर्म, भाषा और संस्कृति को जब विश्व एक झण्डे के नीचे एकजुटता के साथ खड़ा हुआ देखता है, तो उसे आश्चर्य होता है। हमारी संस्कृति दिलों को जोड़ती है, संबंध बनाती है, रिश्तों को मजबूत करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सामाजिक मूल्य से मिले संस्कार दूसरों को सम्मान देना सीखाते हैं और एक-दूसरे के प्रति आदर की भावना रखते हैं। उन्होंने एनसीसी में शामिल छात्र-छात्राओं से कहा कि वे अपने देश की बहुलतावादी महान संस्कृति को मजबूत और अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए संकल्पित हो। उन्होने कहा कि आज उन्हे इस कार्यक्रम में शामिल होकर अपने छात्र जीवन की याद आ गयी।
उन्होंने कहा कि वे उस समय दून स्कूल में पढ़ते थे और वहां से कैम्प के लिए नागपुर के पास कामठी जाते थे। उन्होंने कहा कि अनुशासन, राष्ट्र के प्रति प्रेम, राष्ट्र के हितों की सुरक्षा और दुश्मनों से राष्ट्र को सुरक्षित रखने का पाठ उन्होंने वहीं से सीखा। उन्होंने कहा कि आज उनके जीवन में जो अनुशासन और राष्ट्र के प्रति कुछ करगुजरने की तमन्ना है, उसमें एनसीसी द्वारा दी गई शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। इस मौके पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एनसीसी के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल संजय शर्मा द्वारा एनसीसी निदेशालय की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी गयी।