बहराइच. दुनिया मे डॉक्टरों को भगवान का दिर्ज दिया गया है। लेकिन जब यही भगवान किसी मरीज से उपचार के नाम पर रुपयों की डिमांड कर दे तो उसे क्या नाम दिया जाए!! वो भी तब जबकि सरकार की तरफ से डॉक्टर को अच्छी खासी तनख्वाह भी मिल रही हो। वैसे तो धरती के इस भगवान के पेशे को हर दूसरा-तीसरा डॉक्टर बदनाम करने में कोई कसर नही छोड़ रहा है, लेकिन क्तज मामला बहराइच जिला अस्पताल का है।
जानकारी के मुताबिक थाना रामगांव अन्तर्गत ग्राम रेहुवा मंसूर निवासी बहाव(25) पुत्र पंचा को बीते 26 मार्च को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके पैर में गहरी चोट आई है जिसका इलाज़ अस्पताल के डॉक्टर आर के वर्मा द्वारा किया जा रहा है। मरीज से पैर का इलाज़ करने के लिए आज सुबह राउंड लेने पहुंचे डॉक्टर आर के वर्मा ने बेहतर इलाज़ देने के नाम पर दस हजार रूपये की मांग कर दी। इतना ही नही आरोपी डॉक्टर ने पीड़ित को जिला अस्पताल से डिस्चार्ज करवा कर अपना विस्टिंग कार्ड देते हुए अपने प्राइवेट नर्सिंगहोम में भर्ती होने को कहा।
जब पीड़ित ने अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए प्राइवेट अस्पताल में जाने से मना कर दिया तो डॉक्टर वर्मा मरीज को कही और जाकर दिखाने की बात कहकर वहाँ से चले गए।
जिला अस्पताल के एक जिम्मेदार की घिनौनी करतूत के चलते पीड़ित बिना पूरा इलाज़ कराये ही अपने घर जाने को मजबूर है। पीड़ित ने डॉक्टर ही नही बल्कि जिला अस्पताल के अन्य कर्मचारियों पर भी सुविधा देने के नाम पर रुपयों की डिमांड करने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट: फराज अंसारी