भाई दूज के मौके पर शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8:30 बजे बंद किए जाएंगे। यहां पूजा-अर्चना और परम्परा के अनुसार डोली को मंदिर में विराजमान किया जाएगा।इसकी तैयारियों के क्रम में भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से श्री केदारनाथ मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित किया गया.
परम्परानुसार कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। भैया दूज के मौके पर कपाट बंद करने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।बुधवार को सुबह पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए.
भगवान की चल विग्रह डोली अनेक पैदल पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी जहां बाबा की पूजा अर्चना कर मंदिर में डोली को विराजमान किया जाएगा। भगवान की पंचमुखी चल विग्रह डोली 27 अक्तूबर को फाटा पहुंचेगी।स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देते हुए भष्म से ढका गया। इस मौके पर बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति का श्रृंगार कर चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया गया।