राफेल फाइटर प्लेन के सौदे की जांच के लिए फ्रांस में एक जज की नियुक्ति की गई है. फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (PNF) के मुताबिक मजिस्ट्रेट ने जांच शुरू कर दी है. सौदे में भ्रष्टाचार के साथ ही पक्षपात के आरोपों की भी जांच की जाएगी.
फ्रांस में काम करने वाले NGO शेरपा ने 2018 में जांच के लिए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मीडियापार्ट ने इस मामले पर लगातार रिपोर्ट पब्लिश की थीं। हालांकि, उस समय PNF ने जांच की मांग को खारिज कर दिया था।
फ्रांस और भारत के बीच राफेल फाइटर प्लेन की खरीदी के लिए 7.8 बिलियन यूरो (59,000 करोड़ रु.) की डील की गई थी। जांच के दौरान उस समय राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और उस समय वित्तमंत्री इमैनुएल मैक्रों (वर्तमान राष्ट्रपति) से भी सवाल-जवाब किए जाएंगे।
राफेल डील की फ्रांस में जांच की बात सामने आने के बाद कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है और मामले में संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) की जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि यह प्रथम दृष्टि में भ्रष्टाचार का आरोप है.
इन दोनों के कार्यकाल में ही डील पर साइन किए गए थे। इस समय फ्रांस में विदेश मंत्री का पद संभाल रहे और डील के समय रक्षा मंत्री रहे जीन यवेस ले ड्रियान से भी पूछताछ की जा सकती है।