लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करते समय बड़े-बड़े दावे किए थे। इससे न तो आतंकवाद न नक्सलवाद पर रोक लगी और न भ्रष्टाचार दूर हुआ, न ही काला धन समाप्त हुआ। उल्टे छोटे उद्योगधंधे बंद हो गए। बड़ी कम्पनियों में भी कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो गई। भाजपा राज में प्याज, सब्जी और खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, किसान तबाह है, साथ ही बैंकों में जमा ब्याज की दर घट रही है। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2018-19 में 71,542.93 करोड़ रूपए की धोखाधड़ी हुई। नोटबंदी के बाद जाली नोट ज्यादा चलन में आए हैं।
भाजपा नेतृत्व के तमाम दावों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ती जा रही है। मुडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की वर्तमान खस्ताहाल आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारत की ट्रेडिंग नकारात्मक कर दी है क्योंकि उसके अनुसार आगे भी आर्थिक वृद्धि बहुत कम रहेगी, जोखिम और बढ़ेगा। वस्तुतः नाकाम भाजपा सरकार में कृषि किसान भी मर रहा है और उत्पाद तथा सेवा क्षेत्र भी। जिस प्रकार देश में बिजली की मांग घटी है उससे स्पष्ट है कि बाजार में निरंतर कम होती मांग की वजह से उद्योग घाटे में जा रहे हैं, वे अपना उत्पादन घटा रहे है। अर्थव्यवस्था की बदहाली के ये कुछ स्पष्ट संकेत हैं।
विकास की विनाशकारी दशा का अंदाजा इससे भी होता है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 के आंकड़े के अनुसार, जब हम 5 ट्रिलियन डालर इकोनाॅमी का ढोल पीट रहे हैं, जबकि भुखमरी के मामलों में भारत दुनिया के 117 देशों में 102 नम्बर पर आ गया है। बीते छह सालों में 5 करोड़ से अधिक नौकरियां खत्म हुई है। नौजवानों को बेरोजगारी की अंधेरी गली में ढ़केल दिया है। शिक्षा को निःशुल्क करने की जगह जानबूझकर मंहगा बनाया जा रहा है ताकि गरीब छात्र उससे वंचित रहे। पढ़े-लिखे बेरोजगार आक्रोशित हैं। उन पर पुलिस का बल प्रयोग सत्ता का अहंकार है।
सच तो यह है कि भाजपा की सभी नीतियां दिशाहीन और जनसंवेदना शून्य हैं। गरीब, किसान, नौजवान कभी उसकी प्राथमिकता में नहीं रहे है। भाजपा नीतियां पूंजीघरानों के हितों का पोषण करती हैं। देश का हर वर्ग उससे असंतुष्ट है। विकास का कोई भी पत्थर कहीं लगता नज़र नहीं आता है। केवल झूठ, भ्रम और मनमानी के सहारे भाजपा ने काफी समय गवां दिया, अब आगे उसकी चालें नहीं चलेंगी।