बिधूना। तहसील क्षेत्र के ब्लाक अछल्दा के गांव घसारा निवासी सेना का जवान बुधवार को लेह लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया है। शुक्रवार को देर शाम शहीद के शव को उसके पैत्रक गांव लाया गया। जहां पर शनिवार को प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों के अलावा राजनीतिज्ञों की मौजूदगी में राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से शहीद जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार तहसील के अछल्दा ब्लाक के गांव घसारा निवासी रामजी तिवारी (35) पुत्र सुरेंद्र बाबू तिवारी की वर्ष 2004 में सेना में नौकरी लगी थी। रामजी की 15 दिन पहले लेह-लद्दाख में सूबेदार के पद पर तैनाती हुई थी। जहां पर बुधवार को ड्यूटी के दौरान अचानक बॉयलर फट जाने से उसकी चपेट में आकर रामजी शहीद हो गये थे। पीएम आदि की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुक्रवार की देर शाम शहीद सैनिक का शव उनके पैत्रक गांव लाया गया और उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
हालाकि अंतिम संस्कार के लिए उपजिलाधिकारी बिधूना लवगीत कौर, क्षेत्रधिकारी बिधूना महेन्द्र प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार प्रतिभा पाल, थानाध्यक्ष अछल्दा सत्यप्रकाश, थानाध्यक्ष ऐरवाकटरा जीवाराम आदि वहां पर पहले से मौजूद थे। मगर सूर्यास्त की वजह से शहीद का अन्तिम संस्कार नहीं हो सका था।
शनिवार को प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों व फोर्स एवं राजनीतिज्ञों के अलावा समाजसेवियों व हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में शहीद रामजी के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पूर्व एक सजे हुए रथ पर शहीद के शव को तिरंगा में लपेटकर रख उनके घर से अंत्येष्ठि स्थल तक अंतिम यात्रा शुरू हुयी। इस दौरान लोग रामजी तिवारी अमर रहें, भारत माता की जय एवं जब तक सूरज चांद रहेगा रामजी तिवारी का नाम रहेगा के नारे लगाते रहे। अंतिम संस्कार से पूर्व सेना के जवानों को शहीद साथी को अंतिम सलामी दी।
इस दौरान गांव में मातम छाया रहा। अंतिम संस्कार के मौके पर जिलाधिकारी पी.सी. श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक चारू निगम, सांसद राम शंकर कठेरिया, एसडीएम लवगीत कौर, सीओ महेन्द्र प्रताप सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीराम मिश्रा, विधायक प्रदीप यादव, पूर्व मंत्री विनोद यादव कक्का, ब्लाक प्रमुख शरद सिंह राना आदि राजनीतिज्ञ, अधिकारी के अलावा हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
शहीद सैनिक रामजी वर्ष 2004 में देश सेवा के लिए सेना से जुड़े थे। उनकी 15 दिन पहले ही लेह-लद्दाख में तैनाती हुई थी। जहाँ पर ड्यूटी के दौरान बाॅयलर फट जाने से 9 जवान गम्भीर रूप से घायल हो गये थे जिसमें 5 जवान शहीद हो गये थे। जिनमें रामजी तिवारी भी शामिल थे। शहीद के भाई गोपाल ने बताया कि उनके भाई प्रतिदिन रात्रि 9 माता जी से फोन पर बात किया करते थे।
लेकिन गुरुवार को फोन न आने पर घर वालों को चिन्ता हुयी। तभी उधर से सेना के लेफ्टिनेंट अनुराग ने भाई के मोबाइल पर फोन कर घटना की जानकारी दी। शहीद सैनिक के परिवार में पत्नी पूजा, पुत्री प्रतिष्ठा, पुत्र वैभव, माता शांति, पिता सुरेंद्र बाबू तिवारी, भाई गोपाल तिवारी आदि है। जिनका रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। शहीद की पत्नी बच्चों को पढ़ाने के लिए पिछले छह माह से इटावा रह रहीं थीं।
रिपोर्ट – राहुल तिवारी