लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन सीएम योगी से शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देने की मांग की है। इन कारोबारियों का कहना है कि शराब की दुकानें नहीं खुलने से तमाम लोग बेरोजगार हो रहे हैं। जबकि रोजाना सौ करोड़ रुपये के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। जबकि शराब की दुकानें बंद करने का शासन द्वारा शासनादेश में कोई उल्लेख नहीं किया गया है और न ही आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा ही लाइसेंस धारकों को दुकान बंद करने का कोई आदेश दिया गया है।
शराब की दुकानें खोलने की मांग
शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री कन्हैया लाल मौर्या का कहना है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले से करोना महामारी के चलते घोषित कर्फ्यू की वजह से शराब की दुकानें बंद है। जबकि शराब की दुकानें बंद करने का शासन द्वारा शासनादेश में कोई उल्लेख नहीं किया गया है और न ही आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा ही लाइसेंस धारकों को दुकान बंद करने का कोई आदेश दिया गया है। इससे शराब लाइसेंस धारकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पूरे प्रदेश के शराब कारोबारी अपनी शराब की दुकानें खोलने की मांग प्रदेश सरकार से कर रहे हैं।
पांचवीं बार बढ़ा कोरोना कर्फ्यू
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते हालांकि संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला अभी सरकार ने नहीं किया है, लेकिन संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सरकार धीरे-धीरे कदम उसी दिशा में बढ़ा रही है। पंचायत चुनाव के बाद गांवों में तेजी से फैल रहे संक्रमण और 14 मई को ईद के त्योहार को देखते हुए यूपी की योगी सरकार ने फिलहाल कोई भी खतरा मोल न लेते हुए लॉकडाउन को एक हफ्ते के लिए फिर बढ़ाने का फैसला लिया है। 29 अप्रैल को शनिवार-रविवार की साप्ताहिक बंदी से इसकी शुरुआत हुई। फिर इसे चार मई, छह मई और दस मई यानी सोमवार तक बढ़ाया गया। अब योगी सरकार ने फिर से कोरोना कर्फ्यू 17 मई सुबह सात बजे तक बढ़ा दिया है। प्रदेश में पांचवीं बार कोरोना कर्फ्यू को विस्तार दिया गया है।