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महाराष्ट्र व हरियाणा के चुनावों में हुई इन गलतियों को दुबारा दोहराने से बचेगी बीजेपी

झारखंड के विधानसभा चुनावों में बीजेपी लोकसभा चुनावों में मिली भारी सफलता को दोहराने की प्रयास तो करेगी, लेकिन महाराष्ट्र  हरियाणा के चुनावों में हुई गलतियों को दोहराने से बचेगी. पार्टी ने इशारा दिए हैं कि मापदंड पर खरे नहीं उतरने वाले मंत्री  विधायकों के टिकट कटेंगे  कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, उसकी पसंद-नापसंद पर न किसी को टिकट मिलेगा  न ही कटेगा. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश से सभी रिपोर्ट लेने के बाद उम्मीदवारों पर निर्णय लेगा.

झारखंड अपने गठन के बाद से 19 वर्षों में दस सीएम देख चुका है. इनमें मौजूदा सीएम रघुवर दास अकेले गैर आदिवासी सीएम रहे हैं  पांच वर्ष सारे करने वाले पहले सीएम भी हैं. इन पांच वर्षों को निकाल दें तो 14 वर्ष में प्रदेश ने नौ सीएम देखे हैं. इस दौरान प्रदेश में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लगाना पड़ा. ऐसे में बीजेपी यहां पर सबसे बड़ा मामला स्थिर सरकार का बना रही है.

आदिवासी मामले को लेकर सतर्क

आदिवासी पॉलिटिक्स (26 प्रतिशत आदिवासी) के इर्द-गिर्द रहे झारखंड में बीजेपी का गैर आदिवासी सीएम बनाने का फार्मूला पांच वर्ष में पास रहा, लेकिन चुनाव में यह उसके लिए बड़ी चुनौती बन गया है. जिस तरह से हरियाणा में जाट  महाराष्ट्र में मराठा मामले पर बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा उसे देखते हुए झारखंड में आदिवासी मामले को लेकर बीजेपी की चिंताएं बढ़ी हुई हैं.

प्रचार में ऊपर रहेंगे लोकल मुद्दे

इससे निपटने के लिए बीजेपी प्रदेश में विकास,स्थिरता,नक्सलवाद पर रोक  सरकारी योजनाओं की सफलता को आगे रख रही है. केंद्रीय नेतृत्व अनुच्छेद 370 जैसे मामले तो प्रचार में उठाएगा, लेकिन वह शहरी क्षेत्रों में ज्यादा चलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में वह लोकल मुद्दों को ही वरीयता देगी. बताते चलें कि बीजेपी ने हरियाणा  महाराष्ट्र में राष्ट्रीय मामले खासकर अनुच्चेद 370 की समापन को अपना प्रमुख मामला बनाया था, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली, बल्कि लोकल मुद्दों  सामाजिक समीकरणों में विपक्ष कई स्थान भारी पड़ा. अब वह इसे झारखंड में नहीं दोहराएगी.

पिछली बार नहीं मिला था बहुमत

झारखंड को बीजेपी अपेक्षाकृत मुश्किल प्रदेश मान रही है. यहां पर विपक्षी एकजुटता उसे खासा नुकसान पहुंचा सकती है. हालांकि लोकसभा चुनावों में उसे 14 में से 12 सीटें मिली थीं. चूंकि लोकसभा की महाराष्ट्र और हरियाणा की सफलता विधानसभा चुनाव में नहीं चली इसलिए बीजेपी झारखंड को लेकर भी ज्यादा आश्वस्त नहीं है. पिछली बार 2014 में मोदी लहर में लोकसभा के बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 37 सीटें जीतकर बहुमत से पांच सीटें दूर रह गई थी.

किसी की नहीं चलेगी

भाजपा के एक प्रमुख नेता ने बोला कि प्रदेश में टिकट वितरण में सख्ती केवल शब्दों में नहीं, बल्कि अमल में होगी. बेकार रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्री  विधायक का टिकट कटेगा. किसी बड़े नेता की पसंद -नापसंद पर ना तो टिकट मिलेगा  ना ही कटेगा. केंद्रीय नेतृत्व सारी स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है.

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