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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…नेतन का खाली अपनी कुर्सी ते पियार हय, जनता मरय चाहय जियय उनते का मतलब

 नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

प्रपंच का आगाज करते हुए चतुरी चाचा ने कहा- कोरउना न भवा, सार शोले फिलम केरा गब्बर डाकू होय गवा। गब्बर तिना कोरउना होरी म आवत हय। पीछे दुई होरी नासि कय डारिस। यहू साल फागुन म कोरउना क तिसरी लहर आवय वाली हय। पहिले खाली कोरउना फिरि डेल्टा अब ओमिक्रोन अउ डाल्मिक्रोन कोरउना आय गवा। नवा कोरउना सगरी दुनिया म कोहराम मचाय हय। अपने भारतव म कोरउना महाब्याद्धि फिरि ते पाँव पसर रही हय। हमका इहिते बड़ी चिंता होय रही हय। याक लँग 17 राज्यन म कोरउना बढ़ि रहा। दूसरी लँग पांच राज्यन म विधानसभा क चुनावी बिगुल बाजि रहा। दिन म नेता रैली कय रहे। राति म करफू लागय रहे। इ नेतन ते कोई पूछय का कोरउना राति केरे सन्नाटम फइलत हय? कोरउना का भीड़ म नाइ फइलत हय?

चतुरी चाचा आज अपने प्रपंच चबूतरे पर बड़े अनमने से बैठे थे। ककुवा व बड़के दद्दा अपना आसान ले चुके थे। पुरई आलू का होरा लगाने के लिए ‘अहरा’ लगा रहा थे। गांव के बच्चे चबूतरे से थोड़ी दूर पर कबड्डी खेल रहे थे। आज चटख धूप खिलने से ठंडक कम थी। मेरे चबूतरे पर पहुंचते ही चतुरी चाचा ने कोरोना महामारी पर बतकही शुरू कर दी। तभी कासिम चचा व मुंशीजी भी चबूतरे पर पधार गए। चतुरी चाचा का कहना था कि देश में कोरोना के मरीज दिनोंदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में बड़े-बड़े आयोजन खतरनाक साबित होंगे। कोरोना काल में एक स्थान पर लाखों की भीड़ इकट्ठा की जा रही है। यूपी, पँजाब, उत्तराखंड, मणिपुर व गोवा में विभिन्न दलों के नेता बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं। जगह-जगह सभाएं हो रही हैं। राजनीतिक दल तरह-तरह की यात्राएं निकाल रहे हैं। इन सब में भारी भीड़ एकत्र करके शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है।

इन राजनीतिक कार्यक्रम में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दिन में रैली हो रही है। रात्रि में कर्फ़्यू लगाया जा रहा है। इन नेताओं को कौन समझाए कि कोरोना रात के सन्नाटे में नहीं, बल्कि दिन की भारी भीड़ में फैलता है।

ककुवा ने चतुरी चाचा की बात को शत-प्रतिशत सही ठहराते हुए कहा- नेतन का खाली अपनी कुर्सी ते पियार हय। जनता मरय चाहय जियय, उनते का मतलब? रैली होय जाय। वाट परि जायँ। सत्ता मिलि जाय बस। उई सरकार म मलाई खायँ। जनता कोरउना ते दुई-चार होय तौ होय। हम युह कहित हय कि जब लरिका-बिटिया फोनु ते पढ़ि सकत हयँ, तौ नेता फोनु ते अपन प्रचारव कय सकत हयँ। ठौर-ठौर पय भीड़ लगावयक कौनिव जरूरत नाइ। अरे! जनता-जनार्दन केरी सेवा करव अउ सबते वाट लेव। आपन बाति मोबाइल फोनु पय कहव। हर घरमा मोबाइल फोनु हयँ। तुमार बाति सब जने तलक पहुंच जाइ। कोरउना म रैली करय का जरूरत? अच्छा, युह द्याखव जनतव पगलाय गई हय। बहुत जने फ्री कय सवारी, सब्जी-पूरी अउ पनसौव्वा क चक्कर म परे हयँ। कुछु लोग आजु इनकी, काल्हि उनकी रैली म जाय रहे हयँ। इ पंच कोरउना क कौनिव चिंता नाय कय रहे। यहै दशा हाट-बाजार म हय। बिना मुसिक्का लगाए हजारन मनई इ दुकान ते उई दुकान घूमि रहा। दुई गज कय दूरी अउ मास्क जरूरी वाला नियम सब जने भूले हयँ। जब मरमरा लागि तब सब जने मोदी-योगी क गारी दयाहैं।

इसी बीच चंदू बिटिया जलपान की ट्रे लेकर चबूतरे पर आ गयी। आज ट्रे में सिर्फ कुल्हड़ वाली कड़क चाय और हरी धनिया-मिर्चा की चटपटी चटनी थी। इधर, पुरई एक डलवा आलू भूनकर चबूतरे पर लेकर आ गए। प्रपंचियों ने चटनी के साथ भरपेट गर्मागर्म आलू खाकर पानी पीया। फिर चाय के साथ चर्चा आगे बढ़ी।

कासिम चचा ने प्रपंच को आगे बढ़ाते हुए कहा- सपा की बढ़त देखकर भाजपा डर गई है। अखिलेश यादव की सभाओं में अपार जनसमूह एकत्र हो रहा है। अखिलेश पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी और पूर्वांचल में सुखदेव राजभर से हाथ मिला चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के बेटे ने अपने शिवपाल चाचा को भी साध लिया है। उधर, कांग्रेस की प्रियंका गांधी भाजपा को चारों तरफ से घेर रही हैं। प्रियंका गांधी और अखिलेश की आंधी से भाजपा का विजय रथ डगमगाने लगा है। इस खतरे को भांप कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना पूरा समय यूपी को दे दिया है। भाजपा के सभी बड़े नेताओं को यूपी में उतार दिया गया है। किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को माफी मांगते हुए वापस कर लिया। इसके बावजूद भाजपा को लग रहा है कि जनता विशेषकर किसान उससे दूरी बनाए हैं। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और कोरोना में हुई हजारों मौतों का सवाल भी भाजपा को असहज कर रहा है।

बड़के दद्दा ने कासिम चचा की बात काटते हुए कहा- कासिम चचा, आप न जाने किस चश्मे से राजनीति देख रहे हैं। आप हर वक्त भाजपा को कमजोर और विपक्ष को सहजोर बताते रहते हैं। जबकि आज की तारीख में भाजपा का कोई विकल्प ही नहीं है। भाजपा ने अपने काम के दम पर आम जनमानस के दिलों में जगह बना ली है। शहर से लेकर गांव तक लोग मोदीजी के दीवाने हैं। यूपी में लोग योगी बाबा में प्रधानमंत्री पद की सम्भावना देख रहे हैं। आप देख लेना, यूपी के अगले मुख्यमंत्री योगीजी ही होंगे। जिस गठजोड़ की आप बात कर रहे हैं, उसका इस चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अखिलेश पहले भी कई तरह के गठबंधन कर चुके हैं। तब उसका कोई लाभ उनको नहीं मिला था। रही बात कांग्रेस और बसपा की, तो ये दोनों दल सिर्फ अपनी जमीन तलाश रहे हैं। ये दोनों पार्टियां एक तरह से चुनावी दंगल से बाहर हैं। यूपी कांग्रेस में तो कोई नेता ही नहीं बचा है। अब कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आयात किया है। पँजाब से भी मुख्यमंत्री चन्नी व नवजोत सिंह सिद्धू को बुलाया जाता है।

मुंशीजी ने कहा- यार, तुम दोनों लोग हर समय सपा भाजपा किया करते हो। जनता के मुद्दों पर कभी बात नहीं करते हो। दोनों लोग नेता हो गए हो। हम तो यह कहते हैं कि जो पार्टी अच्छा काम करे। हम सबको उसका समर्थन करना चाहिए। किसी पार्टी विशेष का बन्धुवा मजदूर मत बना जाए। अगर मोदी और योगी सरकार जनता के हित में काम कर रही हैं, तो उन्हें दोबारा सत्ता देने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। देश का समग्र विकास तभी हो सकेगा। जब हम सब जाति/धर्म से ऊपर उठकर सही उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। राजनीतिक लोग हर बार असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चुनाव को जाति/धर्म तक सीमित कर देते हैं। हम मतदाता चतुर राजनीतिज्ञों के जाल में फंस जाते हैं। आप लोग याद करो।

एक समय अटल बिहारी वाजपेयी जैसा निराला व्यक्ति प्रधानमंत्री था। वाजपेयी देश के दीर्घकालिक विकास का खाका खींचकर, उस पर बहुत बढ़िया काम कर रहे थे। लेकिन, देश की जनता दिग्भर्मित हो गई। जनता ने वाजपेयी सरकार को उखाड़ फेंका। अंततः हम सबने दस साल मनमोहन सिंह जैसे मौनी बाबा को प्रधानमंत्री के रूप झेला था।
मैंने प्रपंचियों को कोरोना का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 27 करोड़ 93 लाख से अधिक लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें 54 लाख नौ हजार से अधिक लोग की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में अबतक तीन करोड़ 47 लाख 76 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें चार लाख 79 हजार से अधिक लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। देश में अबतक 140 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लग जा चुका है। इसमें साढ़े 56 करोड़ से अधिक लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं।

विश्व में कोरोना का ओमिक्रोन नामक नया वैरियंट कोहराम मचा रहा है। कोरोना के पुराने डेल्टा वैरियंट के साथ डाल्मीक्रोन नामक नया वैरियंट भी आ गया है। भारत में भी ओमिक्रोन वैरियंट के मरीजों की संख्या 370 हो गई है। देश के 17 राज्यों में कोरोना के ओमिक्रोन वैरियंट ने दस्तक दे दी है। यूपी, गुजरात सहित चार राज्यों में रात्रिकालीन कर्फ़्यू लागू हो गया है। ऐसे में मॉस्क और दो गज की दूरी का पालन आवश्यक है।कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज के साथ बच्चों की कोरोना वैक्सीन की मांग जोर पकड़ने लगी है।

अंत में चतुरी चाचा ने सबको बताया कि कल भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी व पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती थी। क्रिसमस के हो-हल्ले के बीच भारतीयों ने अपने इन दोनों नायकों को श्रद्धांजलि दी थी। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

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