लखनऊ। शहर को जाम से निजात दिलाने के इरादे से जिले भर में इन दिनों नगर निगम और पुलिस प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को भूतनाथ में अतिक्रमण हटाने पहुंचे निगम कर्मियों पर पटरी दुकानदारों के हमला बोल दिया। मामला इतना बढ़ गया कि निगम कर्मियों को पटरी दुकानदारों ने करीब डेढ़ घंटे तक बंधक बनाकर रखा। सूचना पाकर जब उन्हें छुड़ाने अन्य कर्मचारी पहुंचे तो पटरी दुकानदारों ने सभी को को बीच बाजार दौड़ा दौड़ाकर पीटा।
इस दौरान बीच-बचाव करने गए स्थानीय व्यापारियों की भी लोगों ने पिटाई कर दी। आरोप हैं कि चौकी के सामने निगम कर्मचारी और व्यापारी पिटते रहे, लेकिन पुलिस महज मूकदर्शक बनी खड़ी रही। इससे नाराज निगम कर्मियों ने गाजीपुर थाने का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद शुक्रवार की दोपहर नगर निगम का प्रवर्तन दस्ता भूतनाथ पार्किंग के अंदर और आसपास अतिक्रमण हटाने पहुंचा था। पटरी दुकानदारों ने इसका विरोध करते हुए गैंगमैन राजेश समेत प्रवर्तन दस्ते के 6 लोगों को बंधक बना लिया। सूचना पाकर मौके पर कर अधीक्षक रामसागर कुशवाहा निगम के इंस्पेक्टर राजा भैया, अशोक सिंह के साथ मौके पहुंचे। जिनपर पटरी दुकानदार रमन दुबे और उसके साथियों ने हमला बोल दिया।
आरोप है कि पटरी दुकानदारों ने लोहे की रॉड और डंडों से निगम कर्मचारियों को दौड़कर पीटा। इस दौरान निगम कर्मियों को बचाने पहुंचे व्यापारियों को भी मारा गया। मारपीट की घटना में कर अधीक्षक समेत अन्य निगम कर्मियों और व्यापारियों को गंभीर चोटें भी आईं।
मारपीट में घायल कर इंस्पेक्टर राजा ने बताया कि 100 से ज्यादा लोगों ने पुलिस चौकी के सामने ही निगम कर्मियों से मारपीट की, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी रही। जोनल अधिकारी को सूचना देने के बाद जब अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंचे तब जाकर मामला शांत हुआ। इस पूरे मामले में नगर निगम के कर अधीक्षक रामसागर कुशवाहा ने रमन दुबे समेत करीब 5 दर्जन पटरी दुकानदारों व व्यापारी भवानी शंकर ने रमन दुबे, सतीश सोनी, राजू कश्यप, दीपू रावत, अमर लोधी, सोनू राठौर, नितेश शुक्ला, बबलू सोनी, गौरव, सुरेश, सुजीत, राजू, गौरव और मनोज सहित करीब 100 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।