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भारत में 5 साल में दोगुनी हो जाएगी करोड़पतियों की संख्या, होने जा रहा ऐसा…

भारत में करोड़पतियों की संख्या (Millionaires) पांच साल में दोगुनी हो जाएगी और अरबपतियों की संख्या डेढ़ गुनी हो जाएगी। नाइट फ्रैंक वेल्थ रिपोर्ट 2023 में दावा किया गया है कि 2027 देश में हाई नेटवर्त इंडिविजुअल्स(एचएनआई) की संख्या 16 लाख से अधिक हो जाएगी।

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यानी ऐसे लोगों की संख्या जिनकी कुल संपत्ति का मूल्य 10 लाख यूएस डॉलर या इससे अधिक है, उनकी संख्या 16 लाख हो जाएगी। 2022 तक देश में ऐसे लोगों की संख्या 7.97 लाख है। रिपोर्ट के अनुसार पांच सालों में धनी लोगों की संख्या 108 फीसदी बढ़ेगी।

करोड़पति Millionaires

रिपोर्ट के अनुसार भारत के अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स, जिनकी कुल संपत्ति 30 मिलियन डॉलर से अधिक है, 2027 तक इनमें 58.4% का इजाफा होगा। 2027 में देश में 19,119 लोग 30 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले कैटेगरी में आएंगे। 2022 तक ऐसे लोगों की संख्या देश में 12,069 है। जबकि भारत में अरबपतियों की 2027 तक 161 से 195 हो जाएगी।

2022 में, अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स की वैश्विक आबादी में 3.8% की गिरावट आई थी। जबकि 2021 में 9.3% की वृद्धि दर्ज की गई थी। अमीरों के धन और निवेश पोर्टफोलियो पर आर्थिक मंदी, लगातार दरों में बढ़ोतरी और बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं का प्रभाव पड़ा था। भारत में भी यह स्थिति देखी गई थी। ब्याज दरों में वृद्धि व अन्य कारणों से 2022 में अमीरों की आबादी 2022 में 7.5% की गिरावट दर्ज की गई थी।

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कंपनी के ‘वेल्थ साइजिंग मॉडल’ पर आधारित अध्ययन के अनुसार, भारत में शीर्ष 1% धनवान व्यक्तियों में शामिल होने के लिए किसी व्यक्ति का आवश्यक कुल नेटवर्थ 1.7 लाख डॉलर होने का अनुमान है। हालांकि देशों के हिसाब से यह पैमाना अलग है। दुनिया के सबसे अधिक अमीर लोग मोनाको में रहते हैं वहां 1% क्लब में शामिल होने के लिए 12.4 मिलियन डॉलर संपत्ति होनी चाहिए। स्विट्ज़रलैंड में 6.6 मिलियन डॉलर तथा सिंगापुर में 3.5 मिलियन डॉलर है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, शिशिर बैजल के अनुसार कोर और नॉन-कोर क्षेत्रों में भारत की विकास गतिविधियों ने हाल के दिनों में आर्थिक विकास में तेजी लाने में मदद की है। भारत में वैश्विक विनिर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी स्टार्टअप आदि जैसे क्षेत्रों से निकलने वाले नए अवसर आर्थिक गति को बढ़ावा देंगे और देश में धन सृजन में मदद करेंगे, जिससे भारत में धनी व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि होगी।

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