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Labour Day ; हम परों से नहीं, हौसलों से उड़ा करते हैं : विवेक जैन

लखनऊ। आज Labour Day के दिन एनयूजे(आई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विवेक जैन ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि “कैंचियां क्या खाक रोकेंगी हमें, हम परों से नहीं, हौसलों से उड़ा करते हैं।” पत्रकारिता की व्यस्तताओं के बीच हम सब एक-दूसरे के सुख-दुख में शरीक होते हैं यह बड़ी बात है।

उपजा व लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के तत्वाधान में Labour Day और नारद जयंती की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम सम्पन्न

श्री जैन मंगलवार को यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन एवं लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित Labour Day श्रमिक दिवस व आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती की पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

पत्रकार आज प्रबंधन के आधीन : अजय कुमार

विशिष्ट अतिथि के तौर पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि श्रमिकों के काम के घंटे तय करना ही श्रमिक दिवस मनाए जाने के पीछे की एकमात्र वजह नहीं है। पत्रकार की हालत श्रमिकों से भी बदतर हालात में हैं। पत्रकार की जवाबदेही संपादक के प्रति होती थी। आज स्थिति बदल चुकी है। आज किसी को नियुक्ति पत्र नहीं मिलता, आज संविदा व्यवस्था लागू होना खतरनाक है। पत्रकार आज प्रबंधन के आधीन हैं।

एक-दूसरे के साथ खड़े होना ही हमारी एकजुटता : अजय कुमार

मई दिवस और नारद जयंती की पूर्व संध्या पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए अजय कुमार ने कहा कि हम पत्रकारों को एक दूसरे के सुख-दुख में शरीक होना चाहिए। बीमारी आदि में मदद करना चाहिए। इससे एकजुटता और समरसता आएगी। एक-दूसरे के साथ खड़े होना ही हमारी एकजुटता है।  उन्होंने कहा की पत्रकारिता के संकट को कैसे दूर करें, स्तर की गिरावट को कैसे ठीक करें।इस पर विचार किये जाने की जरूरत है।

आपसी एकता और समरसता बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए : वीरेंद्र सक्सेना

वरिष्ठ पत्रकार एंव पूर्व सूचना आयुक्त श्री वीरेंद्र सक्सेना ने कहा कि काम की दशाएं अनुकूल बनी रहे इसके प्रयास किए जाने चाहिए। आपसी एकता और समरसता बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। बैठकर कोई ऐसा प्रारूप बनाएं कि पत्रकारों का कैसे हित सुरक्षित रखा जा सकता है। इस बार मई दिवस का अवकाश खत्म हो गया, हमारी हालत हॉकरों से बदतर हो गई है।

पत्रकारिता में हमारे स्ट्रिंगर ही न्यूज की रीढ़ : प्रमोद गोस्वामी

वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि हमें इस बात का अफ़सोस है कि हमारी एकता टूट रही है। अगर हम अपनी सामर्थ्य बनाए रखें तो अब भी स्थितियां बदल सकती हैं। लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन की टीम का योगदान सराहनीय है। यह पत्रकारिता के घोर संकट का दौर है। सरकार को सामने आकर जीएसटी की स्थिति साफ़ करनी चाहिए। अगर इस पर सुधार नहीं हुआ तो 90 फ़ीसद अख़बार बंद हो जाएंगे। इस पर सोचने की जरूरत है। बुद्धिजीवियों की कमजोरी है कि वो आपसी टांग-खिंचाई करते दिखेंगे। समाज का कोई दूसरा वर्ग ऐसा नहीं है, जो अपने ही बिरादरी की खिंचाई करता हो।

उन्होंने कहा पत्रकारिता में न्यूज की रीढ़ तो हमारे स्ट्रिंगर हैं, जो दूर-दराज के गांवों में बैठे हैं। जिलों के संवाददाताओं की समस्याएं पहले उठाई जाती थीं। संगठन सिर्फ सदस्यता शुल्क इकट्ठा करने तक सीमित रह गए हैं।

आगरा से आए उपजा के पूर्व मंत्री अशोक अग्निहोत्री ने कहा

पत्रकारों के अंदर लेखनशक्ति व शैली की कोई कमी नहीं है, बस आवश्यकता है सरकार द्वारा बनाए गये मानक के अनुसार सही समय पर वेतन मिल जाए।

गोंडा से आए यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएश, उपजा के उपाध्यक्ष डा. जीसी श्रीवास्तव ने कहा कि आज हमारे हाथ काटे जा रहे हैं, हम सब एक हों यही हमारी प्रार्थना है।

जो समस्याएं नारद के सामने थीं, वही समस्याएं हमारे सामने भी हैं : वीर विक्रम बहादुर मिश्र

वरिष्ठ पत्रकार श्री वीर विक्रम बहादुर मिश्र ने कहा कि हनुमान जी का श्रम याद करने की जरूरत है। जिस भी दिशा में हम काम कर रहे हैं, हमें ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। जो समस्याएं नारद के सामने थीं, वही समस्याएं हमारे सामने भी हैं। हित ही नहीं भगवान विष्णु ने नारद को परमहित देने की बात कही थी।

पत्रकार आज झूठ की जिंदगी जीने को मजबूर : हिमांशु सिंह

सीतापुर से उपजा के कार्यकारिणी सदस्य श्री हिमांशु सिंह ने कहा कि हम पत्रकार आज झूठ की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। जनपद और तहसील स्तर पर एक रुपये का भुगतान नहीं किया जाता है। किसी भी तरह का कोई भुगतान जनपद स्तर पर नहीं किया जाता है। समाज में सभी वर्गों का सम्मान है।जब छोटा-बड़ा का भाव खत्म हो जाता है, तो संगठन जन्म लेता है।

फिरोजाबाद से आए उपजा के मंत्री द्विजेंद्र मोहन शर्मा ने कहा कि इसमें मुझे कोई दुराव नहीं है कि उपजा इसका आयोजन नहीं कर सका। हम अपनी संगठन की शक्ति को मजबूत करें।

पत्रकारिता समाजसेवा का क्षेत्र है : रज़ा हुसैन रिज़वी

वरिष्ठ पत्रकार श्री रज़ा हुसैन रिज़वी ने कहा कि उपजा संगठन पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम करता है। यह पाक-साफ़ संगठन है, संगठन की मूल आत्मा आज तक जिंदा है। आज का पत्रकार जब काम करता है तो दु:खी भी होता है। पत्रकारिता में सम्मान तो पा सकते हो, रोजी-रोटी का जरिया बनाया जाना ग़लत है। पत्रकारिता में यह भाव तो रखना ही पड़ेगा कि यह समाजसेवा का क्षेत्र है।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ हरिराम त्रिपाठी ने कहा कि संगठन के कार्यों की सराहना करता हूं, बढ़िया कार्य हो रहा है।

नारद जी सही बात सही जगह पहुंचाने के लिए जाने जाते : कुंवर मोहम्मद आज़म खान

मुस्लिम कारसेवक मंच के कुंवर मोहम्मद आज़म खान ने कहा कि नारद जी सही बात सही जगह पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। नारद जी ने हनुमान जी को करतार भेंट किया था जिसने सीताजी को ढूंढने में मदद की थी। सदस्यों का आर्थिक सहयोग के लिए भी सोचना चाहिए। आस्था के नाम पर जलीकट्टू को अध्यादेश लाकर बनाया गया, तो श्रीराम मंदिर पर जनसैलाब क्यों नहीं उठ सकता है।

कार्यक्रम में फिरोजाबाद से वरिष्ठ पत्रकार श्री उमाकांत पचौरी, लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के महामंत्री श्री आशीष मौर्य, उपाध्यक्ष श्री, उपाध्यक्ष श्री अनुपम चौहान, श्री एसवी सिंह, मंत्री श्री पद्माकर पांडेय, श्री अश्वनी जायसवाल, कार्यालय मंत्री श्री अतुल मोहन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

धन्यवाद भाषण में लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री भारत सिंह ने कहा कि हम उन सबके आभारी हैं कि जो ख़ुद के संसाधनों से झूझकर सारे काम करते हैं। इस अवसर पर लखनऊ जर्निलस्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों में श्री कार्यकारिणी सदस्य अजय कुमार, एसएन भारद्वाज, अमित शुक्ला, अब्दुल सत्तार, मंत्री आरबी सिंह, कोषाध्यक्ष आशीष सुदर्शन,अश्वनी जयसवाल,कार्यालय मंत्री अतुल मोहन,डॉ0 नवीन सक्सेना, फोटोजर्नलिस्ट श्री टीटू शर्मा समेत बड़ी संख्या में विभिन्न समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन एलजेए के कार्यकारिणी सदस्य श्री अनूप मिश्र ने किया।

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