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लाल बिहारी लाल : गंगा वाट जोहत बारी लाल के

नई दिल्ली। कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण पर काम करने वाली संस्था संस्कार भारती के मेरठ जिला के गाजियाबाद मंडल द्वारा एक दिवसीय मां गंगा पर भव्य कवि समारोह का आयोजन सरस्वती विद्यामंदिर में किया गया। जिसमें गाजियाबाद , मेरठ , दिल्ली गुड़गांव एवं फरीदाबाद सहित एन.सी.आर के लगभग 210 कवियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में डा. कुंवर बेचैन, मासूम गाजियाबादी के अलावे संस्कार भारती के प्रणेता बाबा योगेन्द्र नाथ भी कवियों के मनोबल बढ़ाने के लिए उपस्थित थे। इस अवसर पर कवियो के पांच ग्रुप बनाया गया था, जिसमें चार ग्रुप हिंदी के औऱ पांचवा ग्रुप भोजपुरी का था।

लाल बिहारी लाल : कार्यक्रम की शुरुआत सामुहिक संस्कार …

भोजपुरी ग्रुप का नेतृत्व जे.पी. द्विवेदी, अध्यक्षता सरोज त्यागी ने किया, वही अतिथि अशोक श्रीवास्तव थे। कार्यक्रम की शुरुआत सामुहिक संस्कार वंदना के बाद हुई। जिसमें सभी कवियों ने एक से बढ़कर एक मां गंगा पर कविताये सुनाई। भोजपुरी में राजीव उपाध्याय, अशोक पाण्डेय, अशोक श्रीवास्तव, जीतेन्द्र नाथ तिवारी, ममतासिंह, विशाखा शुक्ला, तरुणा पुनीर, तारकेश्वर राय, डा. राजेश मांझी, राम प्रकाश, वीणा वादिनी, संजय झा, भावना मितल, केशव मोहन पाण्डे, जे.पी. द्विवेदी, लाल बिहारीलाल सहित कई कवियों ने काव्य पाठ किया। लाल बिहारी लाल ने कहा-

रीति रिवाज के नाम पर गंगा, मैली हो गइलबारी।
आझ बाट जोहत वारी लाल के, आके हमकेसंवारी।।

इस अवसर पर सभी कवियो को प्रशस्ति पत्र भी अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया। इसमें कविता पढ़ने वाले कवियों की कविताओं का एक संग्रह भी निकाला जायेगा।

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