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साल 2023 में दक्षिण एशिया में हुए कुल विस्थापन का 97 प्रतिशत अकेले मणिपुर में हुआ, रिपोर्ट में दावा

नई दिल्ली: दक्षिण एशिया में साल 2023 में जितने लोग विस्थापित हुए, उनमें से 97 प्रतिशत लोग अकेले मणिपुर में विस्थापित हुए। जिनेवा आधारित आंतरिक विस्थापन मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में दक्षिण एशिया में कुल 69 हजार लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा, इनमें से 67 हजार लोग अकेले मणिपुर में विस्थापित हुए। भारत में यह साल 2018 के बाद से हुआ सबसे बड़ा विस्थापन है।

हाईकोर्ट की सिफारिश से शुरू हुई हिंसा
मणिपुर में विस्थापन की वजह वहां जारी जातीय हिंसा है। मणिपुर हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में मणिपुर के बहुसंख्यक मैतई समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने की सिफारिश की थी और केंद्र सरकार से इस पर विचार करने को कहा था। 3 मई 2023 मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में इसके खिलाफ ‘ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च’ निकाला गया। यह मार्च मैतई समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग के विरोध में निकाला गया। इस मार्च के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

कुकी समुदाय कर रहा है मैतई को एसटी वर्ग में शामिल करने का विरोध
मणिपुर का कुकी समुदाय मैतई को एसटी वर्ग में शामिल करने का विरोध कर रहा है और इसकी वजह से ये दोनों समुदाय आमने-सामने हैं। राज्य के चुराचांदपुर, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, तेंगनुपाल, कांगपोकपी हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे और हिंसा के चलते राज्य में 67 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर शरणार्थी कैंपों में शरण लेनी पड़ी। मणिपुर के अलावा मिजोरम, नगालैंड और असम में भी इस हिंसा का असर हुआ। हिंसा बढ़ने पर केंद्र ने मणिपुर में कर्फ्यू लगा दिया। विस्थापित लोग अभी भी अपने घर नहीं लौट सके हैं और हालात सामान्य होने में अभी भी काफी वक्त लग सकता है। आईडीएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 तक दक्षिण एशिया में कुल 53 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं और इनमें से 80 फीसदी अकेले अफगानिस्तान के हैं।

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