राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर फैसला लेने वाली अपनी सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की रविवार से प्रारम्भ होने वाली वार्षिक मीटिंग स्थगित कर दी है.
आरएसएस की 15 से 17 मार्च तक होने वाली इस मीटिंग में करीब 1,500 सदस्यों को भाग लेना था. आरएसएस सरकार्यवाह सुरेश जोशी ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘महामारी कोविड-19 की गंभीरता तथा केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकारों द्वारा जारी गाइड लाइन एवं परामर्शों को देखते हुए बेंगलुरु में होने वाली एबीपीएस की मीटिंग को स्थगित कर दिया गया है.’
उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से जनता के बीच जागरूकता फैलाने तथा इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामने करने के लिए प्रशासन के साथ योगदान करने को कहा. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, अध्यक्षों व विश्व हिंदू परिषद , एबीवीपी तथा भारतीय मेहनतकश संघ जैसे 35 परिवार संगठनों के अन्य प्रदेश पदाधिकारियों को मीटिंग में भाग लेना था. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत व सुरेश जोशी को इस मीटिंग को संबोधित करना था.
बता दें कि देश में कोरोना के रोगियों की संख्या 83 पहुंच गई है. हालांकि, इस बीच राहत की समाचार यह है कि सफदरजंग अस्पताल में भर्ती सात रोगी स्वस्थ हो चुके हैं. केरल में तीन पहले स्वस्थ हो चुके थे. इस प्रकार दस रोगी स्वस्थ हो चुके हैं तथा दो की मौत हो चुकी है. वहीं, 70 रोगियों का अभी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि हिंदुस्तान में प्रवेश की 37 चौकियों में से सिर्फ 19 को ही खुला रखा जाएगा. इन चौकियों से मेडिकल जाँच की सुविधा उपलब्ध होगी. बिहार की रक्सौल, उत्तराखंड की बनबसा तथा उप्र की सोनोली चेक पोस्ट खुली रहेगी. नेपाल व भूटान के नागरिकों के आने पर कोई रोक नहीं है. लेकिन चिकित्सकीय जाँच होगी. बांग्लादेश हिंदुस्तान के बीच बस एवं रेल सेवा भी बंद होगी. हालांकि पाक बार्डर को बंद करने पर अभी निर्णय नहीं हुआ है. सरकार की तरफ से बोला गया है कि कोरोना मरीजों के सम्पर्क में आए करीब चार हजार लोगों के स्वास्थ्य की गिरानी की जा रही है. अब तक 6500 टेस्ट किए जा चुके हैं.