भारतीय स्टेट बैंक ( भारतीय स्टेट बैंक ) अपने लघु एवं मध्यम उद्योग ऋण, होम लोन, कार कर्ज़ व अन्य खुदरा ऋणों पर कल से 1 अक्टूबर से ब्याज दर रेपो दर के आधार पर वसूलेगा. बैंक ने सोमवार को घोषणा की कि वह अपने सभी तरह के परिवर्तनीय ब्याज दर वाले ऋणों के लिए बाहरी मानक रेपो दर को मानेगा. यानी अगले 5 दिन में एसबीआई बैंक के कर्ज़ से जुड़े नियम बदल जाएंगे.
बदल जाएगा इन कर्ज़ पर ब्याज का तरीका
– होम लोन
-कार लोन
– व्यक्तिगत लोन
– लघु एवं मध्यम उद्योग ऋण
– ट्रैवल लोन
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चार सितंबर को सभी बैंकों से बोला था कि वे अपने परिवर्तनीय ब्याज दरों वाले ऋणों की ब्याज दर किसी बाहरी मानक से संबद्ध करें.
एसबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बोला गया है कि सभी परिवर्तनीय ब्याज दर वाले ऋणों के लिए हमने ब्याज दर का बाहरी मानक रेपो दर को अपनाने का फैसला किया है. लघु एवं उद्योग ऋण, आवास ऋण व अन्य खुदरा ऋणों पर यह ब्याज दरें एक अक्टूबर 2019 से प्रभावी होंगी.
रिजर्व बैंक ने बैंकों को रेपो दर, तिमाही या छमाही राजकोषीय बिल या फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जारी किए गए किसी भी मार्केट ब्याज दर मानक में से एक को चुनने का विकल्प दिया था.