मायावती भारतीय राजनीतिज्ञ एवं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्षा है, जो भारतीय समाज के सबसे कमजोर वर्गों – बहुजनों या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग और धार्मिक अल्पसंख्यकों के जीवन में सुधार के लिए सामाजिक परिवर्तन के एक मंच पर केंद्रित है। दलित राजनीति की पुरोधा भारतीय राजनीति में अपना दखल रखने वाली इस दलित महिला ने चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली।
शनिवार को बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हिन्दू युवा वाहिनी भारत के अध्यक्ष सुनील सिंह समेत बड़ी संख्या में बसपा नेता शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। इनमें बसपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे रघुनाथ शंखवार और सीएल वर्मा भी शामिल हैं। 2019 में सीएल वर्मा ने लखनऊ की मोहनलालगंज से बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके अलावा बसपा नेता गंगाराम पाल, सुरेश रावत और पूर्व प्रत्याशी आनन्द निषाद समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गये। साथ ही पंजाबी विकास मंच के अध्यक्ष दीपक विग और कुमारी चाहत मल्होत्रा ने मतदाता बनने के बाद सपा का दामन थाम लिया।
सभी का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार में अन्याय हो रहा है। लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं। हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत फैलाई जा रही है। बीजेपी ने देश को हिंदू-मुसलमान में उलझा दिया।
केसरिया झंडा दिखा कर नौजवानों बरगलाया गया : सुनील सिंह
हिन्दू युवा वाहिनी भारत के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने नौजवानों को धोखा दिया है। उनके सपनों की हत्या की है। नौजवानों को केसरिया झंडा दिखा कर बरगला लिया गया था। किसानों और कर्मचारियों के सपनों का भी कत्ल किया है। उन्होंने कहा कि रामायण काल में भी भगवा पहन कर रावण ने सीता का हरण किया गया। उसी भगवे में एक बार फिर छलने का काम किया जा रहा है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के लिए जी-जान लगा कर काम करूंगा। बीजेपी सरकार को उखाड़ने के लिए जो कुछ करना पड़े करूंगा।