बिधूना। प्रदेश में भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के सुधरने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग की मुखिया की उदासीनता के चलते जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है।
विकास खंड बिधूना की ग्राम पंचायत कल्यानपुर के मजरा पूर्वा मुले स्थित स्वास्थ्य उपकेन्द्र में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की सरेआम धज्जियां उड़ाती नजर आ रही हैं, जो भीषण गंदगी के साथ महज तबेला बन कर रह गया हैं।
समर सलिल टीम ने पुर्वा मुले पहुंच कर जब जमीनी हकीकत देखी तो उपकेन्द्र परिसर में आस-पास के दबंग व्यक्ति जानवर बंधे मिले। जिनके द्वारा समय-समय पर शौचालय आदि में लकड़ी व अन्य जरूरत का सामान भर दिया जाता है। ऐसे दबंग लोगों से कई बार मना भी किया गया, मगर किसी पर कोई असर नही होता।
दबंग बांध रहे जानवर
ग्रामीण दबंग उपकेन्द्र भवन परिसर में न केवल जानवर बांधते हैं बल्कि वहीं पर नाद आदि रखकर चारा भी खिलाते है। जिससे लगता है कि उन्होंने परिसर में स्थायी रूप से कब्जा कर लिया है और उन्हें किसी का डर या भय नहीं है। यही नहीं उनके द्वारा पाली जाने वाली बकरियां खुले रूप में उपकेन्द्र भवन के बरामदे आदि में विचरण कर वहां पर गंदगी करती है। जिनकी वह सफाई तक नहीं करते हैं।
बड़ी बड़ी घास व गंदगी का अंबार
उपकेन्द्र के चारो तरफ गंदगी का अंबार लगा है, बड़ी-बड़ी घास खड़ी है। बरसात में नालियां चोक होने और ऊंची होने के कारण बरसात का पानी नहीं निकल पाता, जिससे परिसर में जलभराव रहता है। उपकेन्द्र परिसर में बाउंड्री वाल भी नहीं है। जिससे आसपास के गाँवों के मरीज उपचार हेतु गंदगी से होकर केन्द्र पर पहुंचने को मजबूर हैं।
पेयजल की नहीं है व्यवस्था
यही नहीं उपकेन्द्र पर पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं हैं। यहां गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को टीके लगाए जाते हैं और जरूरी दवाइयां दी जाती है। उपकेन्द्र पर एक डॉक्टर रामवीर त्यागी व एक एएनएम की तैनाती है, जो हर रोज यहां आकर मरीजो को देखते हैं।
ग्रामीणों का कहना है
ग्रामीण सिपाही लाल व पिंटू सेंगर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को उपकेन्द्र में साफ सफाई एवं संसाधनों की पूर्ति हेतु ठोस कदम उठाने चाहिए। ताकि ग्रामीण मरीजों को स्वास्थ्य सेवा का उचित लाभ मिल सकें। बरसात के दिनों में बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परिसर में हैण्ड पम्प की भी व्यवस्था नही है।
ग्रामीण सरमन सिंह व राम आसरे ने बताया कि अस्पताल की ये बदहाली किसी से छिपी नही है। बारिश में लोगों को गंदगी व कीचड़ से गुजरकर दवा लेने जाना पड़ता है। चारो तरफ फैली गंदगी के कारण आसपास संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे वातावरण में इलाज कैसे संभव होगा।
ग्रामीण विपिन भदौरिया व अभिषेक कुमार ने बताया कि उपकेन्द्र की हालत बदतर हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग यहां पसरी गंदगी व जानवरों के बांधने पर कोई ध्यान नहीं देता। विभागीय अधिकारियों से मांग है कि जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकाला जाए। जिससे अस्पताल परिसर में साफ सफाई व स्वच्छ वातावरण के बीच मरीजों का इलाज हो सके।
कई बार की शिकायत नहीं हुई कार्रवाई
उपकेन्द्र पर तैनात डॉ. रामवीर त्यागी ने बताया कि परिसर की साफ सफाई नही होती है, चारो तरफ अतिक्रमण है। कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उपकेन्द्र से लगभग 7300 लोग जुड़े है। मेरा काम इलाज करना है। सीमित संसाधनों में बेहतर सेवाएं देने कोशिश कर रहा हूं। कहा उम्मीद है कि जल्द ही परिसर की सफाई व ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विभाग द्वारा प्रयास किया जाएगा एवं परिसर को बाउंड्री वाल बनवा कर सुरक्षित कर दिया जाए।
पुलिस से की जा चुकी शिकायत
इस संबंध में बिधूना सीएचसी अधीक्षक डा. सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि गांव के लोग उपकेन्द्र परिसर में जानवर बांधते है। जिन्हें ऐसा करने से मना किया गया पर वो नहीं माने, जिस पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हेतु कोतवाली पुलिस को पहले ही लिखित तौर पर दिया जा चुका है। कहा कि वह स्वयं उपकेन्द्र पर जाकर मौके की स्थित को देखेंगे।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन