लखनऊ। भारतीय संविधान के रचनाकार और वंचित समाज के प्रतीक पुरुष ‘बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी’ की स्मृतियों को संजोने तथा उनसे प्रेरणा प्राप्त करने के लिए यूपी की योगी सरकार ने व्यापक योजना बनाई है। इसके तहत लखनऊ में अंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिए बजट आवंटन के साथ ही जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। महामहिम राष्ट्रपति के लखनऊ प्रवास के दौरान संभवतः इसका भूमि पूजन भी करा लिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐशबाग में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम से भव्य सांस्कृतिक केंद्र बनाने की योजना है। इस केंद्र में वर्चुअल म्यूजियम भी होगा। एक तरफ जहां लोग डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवन गाथा से जुड़ी 15-15 मिनट की डॉक्यूमेंट्री देख सकेंगे वहीं उनकी अस्थियों को भी नमन कर पाएंगे। इसमें उनकी अस्थियां भी रखी जाएंगी। इसके निर्माण के लिए संस्कृति विभाग ने 50 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण के लिए एलडीए ने ऐशबाग में नजूल की करीब 2 एकड़ जमीन चिन्हित की है । जानकारी के अनुसार इसका निर्माण संस्कृति विभाग कराएगा। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के राजधानी आगमन के दौरान इसका शिलान्यास कराया जा सकता हैं। इसके लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं।
इस संबंध में प्रमुख सचिव, संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम का कहना है कि डॉ भीमराव अंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण की मंजूरी मिल गई है। ऐशबाग में इसके लिए एलडीए ने नजूल की जमीन भी आवंटित कर दी है। यहां काफी भव्य कल्चरल सेंटर बनेगा।
अंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र को बहुउपयोगी बनाये जाने की योजना: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से जुड़ी चीजें म्यूजियम में देखने को मिलेंगी। उनकी जीवन गाथा वर्चुअली सुनने को मिलेगी। इसमें रिसर्च के लिए लाइब्रेरी भी होगी। दो लेक्चर रूम भी होंगे, जिसमें समय-समय पर लेक्चर भी होते रहेंगे।
600 लोगों की क्षमता का ऑडिटोरियम होगा और परिसर में कैफेटेरिया, डायनिंग हॉल भी बनेगा। दलित व अंबेडकर साहित्य से जुड़े विषयों के मंथन के लिए सेमिनार हाल भी बनाया जाएगा।