यूपी के प्रयागराज में पिछले 36 घंटे के भीतर कुल 91.1 मिमी बारिश हुई। जबकि पिछले साल पूरे जून महीने में सिर्फ 86 मिमी बारिश हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा है। ज्यादा दिनों में कम और कम दिनों में ज्यादा बारिश की स्थिति बन रही है। आने वाले अगले दो दिनों में भारी बारिश का अनुमान है।
प्रयागराज में मानसून करीब एक सप्ताह की देरी से पहुंचा है। गुरुवार से रिमझिम की शुरुआत हो चुकी है। शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे बारिश शुरू हुई तो रात तक मौसम नम रहा और रुक-रुककर बौछार पड़ती रही। मूसलाधार बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, वहीं तापमान में गिरावट से लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
शुक्रवार को अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान एक दिन पहले की तरह क्रमश 32.0 डिग्री सेल्सियस और 25.8 डिग्री से. पर टिके रहे। घूरपुर मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक आकाश मिश्रा ने बताया कि आगामी दो दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के प्रो. एआर सिद्दीकी ने बताया कि जून में देर से हुई बारिश पर्यावरण में बदलाव का संकेत है।
बीती रात और सुबह की बारिश कई मोहल्लों के लिए मुसीबत बन गई। रुक-रुककर हो रही बारिश से शुक्रवार सुबह सबसे अधिक मुश्किल रामबाग आरओबी के नीचे खड़ी हो गई। पुल के नीचे सर्विस लेन पर एक फीट पानी भरा तो कुलभाष्कर डिग्री कॉलेज के परिसर में पानी भरने से परेशानी खड़ी हो गई।
दूसरे दिन की बारिश से अल्लापुर के तिलकनगर में जलभराव हुआ। क्षेत्र के पार्षद विनय मिश्रा ने बताया कि नाले की पूरी सफाई नहीं होने से बारिश का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर भर गया। इसके अलावा बारिश से जाफरी कॉलोनी और आनंदनगर के दर्जन घरों में दूसरी बार नालों का पानी घुसा। राजरूपपुर के पार्षद मिथिलेश सिंह ने बताया कि लगभग दो घंटे तकपानी भरा रहा। सिविल लाइंस स्थित स्मार्ट रोड के चौराहों पर भी जलभराव हुआ।
आरओबी की दूसरी तरफ सर्विस लेन डूबने से इसके पास कई अधिकारियों के घरों में पानी घुस गया। आरओबी निर्माण के दौरान बंद हुई सीवर लाइन और और नालियां पटने से जल निकासी बाधित हो रही है। गोविंदपुर के कई घरों में भी जलभराव से प्रतियोगी छात्र परेशान हुए।