Breaking News

70 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के लिए खुशखबरी, SBI-PNB समेत इन 6 सरकारी बैंकों का नहीं होगा निजीकरण

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर बातचीत जारी है. इसके लिए सेंट्रल बैंक लगातार सरकार से संपर्क में है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच बजट से पहले चर्चा हुई थी और बाद में भी चर्चा हुई. निजीकरण की चर्चा जैसे-जैसे तेज हो रही है अकाउंट होल्डर्स के मन में तमाम सवाल उठने लगे हैं. किन बैंकों का निजीकरण होगा इसकी विशेष जानकारी तो नहीं है, लेकिन नीति आयोग ने यह साफ कर दिया है कि किन बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा.

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का थिंक टैंक नीति आयोग ने यह तय कर लिया है कि किन बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा. नीति आयोग के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा जिन बैंकों का पिछले कुछ समय में एकीकरण किया गया है, उन बैंकों का प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा. इस समय देश में 12 सरकारी बैंक हैं. रिपोर्ट के आधार पर निजीकरण की लिस्ट में SBI के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा नहीं हैं.

70 करोड़ ग्राहकों के लिए खुशखबरी

अगर ये बैंक निजीकरण की लिस्ट से बाहर हैं तो इसका फायदा कम से कम 70 करोड़ ग्राहकों को मिलेगा. उनपर निजीकरण का कोई असर नहीं होगा. एसबीआई के ग्राहकों की संख्या करीब 44 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों की संख्या 18 करोड़ के करीब है. केवल इन दो बैंकों के कुल ग्राहक 62 करोड़ से ज्यादा हो जाते हैं.

इन 10 बैंकों का हुआ था एकीकरण

अगस्त 2019 में सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के मर्जर की घोषणा की थी. इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर किया गया. इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का मर्जर किया गया. कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में कॉर्पोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक का मर्जर किया गया था.

तीन बैंक प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क के दायरे में

इस समय इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक रिजर्व बैंक के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क (PCA) के अंतर्गत हैं. माना जा रहा है कि मार्च तिमाही के नतीजे के बाद ये बैंक PCA के दायरे से बाहर आ जाएंगे. IDBI बैंक पहले ही इससे बाहर आ चुका है. 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने दो बैंकों के निजीकरण और एक इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का ऐलान किया था. अगले वित्त वर्ष के लिए निजीकरण और विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा गया है.

About Ankit Singh

Check Also

कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई, ऑनलाइन तरीके से नए ग्राहक जोड़ने और क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक

बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई ...